प्रयागराज। प्रयागराज में पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा वन डे-वन शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन शुक्रवार रात 8:30 बजे समाप्त हो गया। आंदोलन के खत्म होने के साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, जो 106 घंटों तक छात्रों के कब्जे में था, पुलिस द्वारा हस्तक्षेप के बाद मुक्त हो गया।
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प्रतियोगी छात्रों ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा और आरओ/एआरओ परीक्षा को एक दिन में आयोजित करने की मांग को लेकर आयोग के सभी छह द्वारों पर धरना शुरू किया था। गुरुवार शाम 4 बजे, आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 को 22 दिसंबर को एक ही दिन में कराने की घोषणा की, जिससे छात्रों का आक्रोश कम हुआ। लेकिन आरओ/एआरओ परीक्षा को लेकर स्पष्ट निर्णय न होने के कारण आंदोलन जारी रहा।
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छात्रों ने आयोग के प्रवेश द्वारों पर कब्जा कर लिया, जिससे आयोग के अधिकारी और कर्मचारी बंधक बन गए। आयोग के कर्मचारी दीवार फांदकर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन प्रदर्शनकारी उन्हें देखते ही नारेबाजी करने लगते।गेट नंबर दो पर प्रदर्शनकारियों का पूर्ण कब्जा था, जबकि अन्य द्वारों पर पुलिस ने बैरीकेडिंग कर रखी थी। आंदोलन के चलते यातायात बाधित हुआ और आम जनता को असुविधा हुई। जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त और कमिश्नर को सात बार छात्रों के बीच आकर वार्ता करनी पड़ी। प्रदर्शन के दौरान दो बार बैरीकेडिंग तोड़ी गई, लेकिन किसी प्रकार का हिंसक उपद्रव नहीं हुआ। शुक्रवार शाम तक अधिकांश छात्र आंदोलन समाप्त कर चुके थे, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी आरओ/एआरओ परीक्षा की मांग को लेकर अड़े रहे। रात 8:30 बजे पुलिस ने बचे हुए छात्रों को हटाकर आयोग को पूरी तरह से मुक्त कराया।
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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता पंकज पांडेय ने शुक्रवार दोपहर आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा,“हमारी मुख्य मांग पूरी हो गई है। आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है। आरओ/एआरओ पर समिति के निर्णय का इंतजार करेंगे।”
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यह आंदोलन 106 घंटे तक चला। प्रदर्शन के दौरान कोई हिंसक घटना नहीं हुई। रात में भी आयोग के बाहर 1000 से अधिक छात्र मौजूद रहे। आंदोलन में शामिल छात्रों का धैर्य और अनुशासन प्रशंसा का विषय रहा। आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 की तिथि 22 दिसंबर घोषित कर दी है। यह परीक्षा अब दो सत्रों में एक ही दिन आयोजित की जाएगी। आरओ/एआरओ परीक्षा के संबंध में निर्णय लेने के लिए एक समिति बनाई गई है।