मंसूरपुर। बदमाशों ने मेरठ मंडी में प्याज लेकर जा रहे ड्राइवर को बंधक बनाकर प्याज से भरी पिकअप गाड़ी लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जाटों को मनाने मीरापुर के चुनावी मैदान में उतरे हरेंद्र मलिक, बोले-धोखा मत दे देना,हम आपसे ही है !
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान के जनपद खेरथल के ग्राम चावड़ी कला निवासी रमजान खान पुत्र नस्सर खां ने बताया कि वह पिकअप में प्याज के 99 कट्टे लादकर मेरठ सब्जी मंडी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुआ था। जैसे ही गाड़ी को लेकर थाना परतापुर के मोहद्दीनपुर चौकी से लगभग 400 मीटर आगे पहुंचा, तो पीछे से सायरन बजाते हुए टाटा पंच गाड़ी आई और गाड़ी को ओवरटेक कर पिकअप के आगे लगा दी। टाटा पंच गाड़ी से उतरकर दो व्यक्ति ड्राइवर के पास आए और ड्राइवर को डरा धमका कर जबरदस्ती अपनी गाड़ी में डाल लिया।
ड्राइवर ने बताया कि उनमें से एक व्यक्ति पिकअप गाड़ी को लेकर गाजियाबाद की तरफ चला गया और पंच गाड़ी में बचे तीन बदमाशों ने मोबाइल और पर्स छीन लिया, जिसमें जरूरी कागजात और कुछ नगदी थी। बदमाशों ने ड्राइवर की जमकर पिटाई भी की, इसके बाद बदमाशों ने ड्राइवर को थाना मंसूरपुर क्षेत्र के ग्राम सोंटा के जंगल में गन्ने के खेत में उसके हाथ पैर बांधकर और मुंह में कपड़ा ठूंस कर वहां से फरार हो गए।
ड्राइवर ने जैसे-तैसे कर मुंह में ठुसे कपड़े को हटाया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। कुछ देर बाद साइकिल पर गुजर रहे व्यक्ति ने आवाज सुनी और चालक के पास पहुंचकर हाथ पैर खोल दिए। चालक ने फोन मांगकर घटना की जानकारी गाड़ी मालिक को दी। उन्होंने गाड़ी में लगे जीपीएस की मदद से गाड़ी को गाजियाबाद के कौशांबी थाने से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बिसाल कॉलोनी सेक्टर नंबर तीन पर खड़ी हुई पाया।
जैसे ही वह गाड़ी की लोकेशन पर पहुंचे, तो गाड़ी खड़ी थी।लेकिन गाड़ी में प्याज के कट्टे नहीं थे, जब चालक रमजान खान मुकदमा लिखवाने परतापुर थाने पहुंचा, तो मंसूरपुर क्षेत्र की घटना बताकर पुलिस ने खुद को बचा लिया। दो दिन बाद आखिरकार फिर मंसूरपुर पुलिस ने 13 नवंबर को मामला दर्ज किया।
पुलिस की देरी से बदमाशों को मिला फायदा- परतापुर पुलिस ने जिस तरह मामले में टालमटोल किया उसका फायदा सीधे तौर पर कार सवार बदमाशों को मिला। अगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेती, तो परतापुर पुलिस हाइवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग निकालकर कार का नंबर ट्रेस कर सकती थी, जिससे बदमाशों तक पहुंचने की संभावना थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया।
इस मामले में सीओ खतौली रामाशीष यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि तहरीर के आधार पर मंसूरपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।