जौनपुर। जनपद में रिश्तों को कलंकित करने वाला मामला सामने आया है। एक माँ ने अपनी ही बेटी के नवजात पुत्र को तीन लाख में पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक दंपति को बेच दिया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है और हावड़ा से बच्चे को बरामद करते हुए नवजात की नानी समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जलालपुर थाना क्षेत्र के धरांव निवासी कैलाश प्रजापति की पुत्री कविता देवी द्वारा बीते ग्यारह नवंबर को दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार उसकी शादी भदोही जनपद के दिघवट निवासी सोनू प्रजापति के साथ हुई है। उसका पति सूरत में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है। गर्भवती होने पर वह अपने मायके आ गयी थी। उसको शहर के प्रताप अस्पताल में ऑपरेशन से पुत्र पैदा हुआ। गांव के ही अस्पताल में पूर्व में दाई का कार्य कर चुकी इंद्रिका सिंह अपने साथ धौरहरा गांव की आशा सीता पांडेय को लेकर अस्पताल आई। पीड़िता ने बताया कि सीता पांडेय ने उसकी माँ को बहला फुसलाकर उसके नवजात पुत्र को शाहपुर, बदलापुर निवासी अपने जीजा गोरखनाथ चौबे (जो कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में नक्सर पाड़ा रोड घुसुडी में रहता है) के माध्यम से किसी को तीन लाख में सौदा करवा दिया। बच्चे की माँ को बताया गया कि तुम्हारा बच्चा बीमार होने के कारण मर गया। घर आने के बाद शव दिखाए जाने की जिद करने पर मां ने स्वीकार किया कि तुम्हारा बच्चा तीन लाख में बेच दिया गया। इसमें से एक लाख 70 हज़ार मुझे मिले बाकी रुपये इंद्रिका सिंह व सीता पांडेय ने बांट लिए।
पुलिस ने इस मामले में रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित की तहरीर पर खरीदार पूनम गुप्ता को गिरफ्तार करते हुए बच्चा बरामद कर लिया जबकि उसका पति ओम कुमार भाग गया। बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले कोलकाता निवासी हेमंती शाह पत्नी रतन शाह तथा पीड़िता कविता की माँ शांति देवी, आशा सीता पांडेय व इंद्रिका सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बिचौलिए गोरखनाथ से सौदा तय होने के बाद पूनम गुप्ता उसे हवाई जहाज से साथ लेकर बाबतपुर पहुंची और वहां से जौनपुर प्रताप अस्पताल पहुंचकर तीन लाख देकर बच्चा लिया। फिर उसी दिन बाबतपुर से हवाई जहाज द्वारा कोलकाता पहुंच गयी।