इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता रविवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और इस्लामाबाद तक मार्च करेंगे। एक साल से अदियाला जेल में बंद इमरान खान ने कहा है कि इस बार उनके समर्थक देश में लोकतंत्र की स्थापना से पहले घरों को वापस नहीं लौटेंगे। पीटीआई के प्रदर्शन से पहले सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सख्ती बढ़ा दी है।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक इमरान ने सरकार के खिलाफ इस विरोध मार्च को “आखिरी आह्वान” कहते हुए अपने समर्थकों के साथ-साथ आम देशवासियों से भी सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। उनकी पीटीआई ने 26वें संविधान संशोधन अधिनियम को रद्द करने, पीटीआई जनादेश को बहाल करने और बिना मुकदमे के हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग की है।
शहबाज शरीफ सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राजधानी में पुलिस की सहायता के लिए अर्धसैनिक रेंजर्स और फ्रंटियर कोर (एफसी) के कर्मियों को बुलाया है। सुरक्षा के अतिरिक्त कदम उठाते हुए प्रशासन ने शुक्रवार को शहर के सभी छात्रावासों को खाली करा दिया। पंजाब सरकार ने भी 23 नवंबर से 25 नवंबर तक पूरे प्रांत में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक सभाएं, रैलियां और धरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी तरह, इस्लामाबाद में भी 18 नवंबर से धारा 144 लागू है। देश के एक बड़े हिस्से में वाईफाई और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का फैसला किया गया है। आंतरिक मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए कुछ इलाकों में वाईफाई और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित की जा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के बाकी हिस्से में ये सेवाएं बहाल रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में सेना के तख्तापलट के बाद शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने थे और इमरान को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया थाा। इस साल फरवरी में आम चुनाव हुए तो इमरान खान की पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन वो बहुमत हासिल नहीं कर पाए। ऐसे में उनकी विरोधी शहबाज शरीफ की पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो की पीपीपी के साथ कुछ अन्य दलों ने गठबंधन कर सरकार बना ली। इमरान खान ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए इसे ृरद्द करने की मांग की।