मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे राजनीति में रिश्तों और सत्ता की जद्दोजहद का नया उदाहरण पेश करते हैं। इन चुनावों में कई राजनीतिक परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे और रिश्तों के बीच सियासत ने अपनी जगह बना ली।
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राकांपा नेता अजीत पवार ने बारामती सीट से एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की। लेकिन खास बात यह रही कि वे अपने सगे भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ मैदान में थे। अजीत पवार ने 1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल कर यह दिखा दिया कि बारामती में उनका दबदबा कायम है। यह उनकी लगातार आठवीं जीत थी।
मराठवाड़ा के छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड़ विधानसभा सीट पर भाजपा नेता रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव ने अपने पूर्व पति हर्षवर्द्धन जाधव को हराया। यह चुनाव व्यक्तिगत और राजनीतिक टकराव का अद्भुत उदाहरण बना। संजना ने 84,492 वोट हासिल किए और 18,201 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। संजना के भाई संतोष रावसाहेब दानवे ने जालना जिले की भोकरदन सीट से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की।
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गढ़चिरौली के अहेरी निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी नेता और मंत्री धरमरावबाबा अत्राम ने अपनी बेटी भाग्यश्री आत्राम को हराया। धरमरावबाबा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जबकि भाग्यश्री तीसरे स्थान पर रहीं। यह मुकाबला दिखाता है कि राजनीति में पारिवारिक संबंधों को किनारे रखते हुए सत्ता की होड़ प्राथमिक हो जाती है।
नांदेड़ के लोहा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर ने अपनी बहन आशाबाई शिंदे को हराया। आशाबाई पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी के टिकट पर मैदान में थीं। यह मुकाबला भी भाई-बहन के रिश्ते पर राजनीति की विजय का उदाहरण बना।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से केवल 21 महिला उम्मीदवार ही विजयी रहीं। इनमें से 14 महिलाएं भाजपा के टिकट पर चुनी गईं, जिनमें से 10 महिलाएं दोबारा निर्वाचित हुईं। विपक्षी दलों से सिर्फ एक महिला उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकीं।