नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिसंबर को चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानून ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। देश में इन तीनों नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई 2024 को लागू किया गया था। इनका उद्देश्य देश की न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, कुशल और समकालीन समाज की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाना है।
इन आपराधिक कानूनों की संकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर की गई थी और इसका उद्देश्य औपनिवेशिक काल के कानूनों को हटाना था, जो आजादी के कई साल बाद भी जारी थे। ऐसा दंड की बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित करके न्यायिक प्रणाली को बदलने के लिए किया गया है। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पीईसी) में दोपहर 12 बजे आयोजित इस कार्यक्रम का विषय “सुरक्षित समाज, विकसित भारत दण्ड से न्याय तक” है। इसमें पांच हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि तीन नए आपराधिक कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की मेजबानी के लिए चंडीगढ़ को इसलिए चुना गया है क्योंकि नए कानूनों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने में यह शहर अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आगे है। आपराधिक कानूनों में ऐतिहासिक सुधार भारत की न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव का प्रतीक हैं, जो साइबर अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए कारगर साबित होगा। कार्यक्रम में इन कानूनों के व्यावहारिक अनुप्रयोग को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें दिखाया जाएगा कि कैसे वे पहले से ही आपराधिक न्याय परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं। इस दौरान एक लाइव प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें अपराध स्थल की जांच का अनुकरण किया जाएगा, जहां नए कानूनों को अमल में लाया जाएगा।