अंबाला। हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान तनावपूर्ण हालात उत्पन्न हो गए हैं। शुक्रवार को यहां किसानों और पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं।
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घग्गर नदी के पास पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को किसानों ने उखाड़ दिया। पहली परत की लोहे की गाड़ियां और तारें उखाड़ी गईं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और मिर्च जैसा स्प्रे किया। झड़प में कई किसान घायल हो गए, जिनमें एक बुजुर्ग किसान भी शामिल हैं। आंसू गैस से बचने के लिए किसानों ने पानी में भिगोई हुई बोरियां, नमक और रुमाल का उपयोग किया। अंबाला पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है और बिना अनुमति के आगे बढ़ने पर रोक लगा दी है। पुलिस ने मीडिया कर्मियों को भी पीछे हटने का आदेश दिया, ताकि वे सुरक्षा घेरे में आ सकें।
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घग्गर नदी के पुल के पास भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने ट्रक और बड़ी गाड़ियां लगाकर हाईवे को ब्लॉक कर दिया है। मौके पर पैरा मिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है। खेतों के आसपास बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं।
किसान नेता सरवण सिंह पंढेर ने कहा कि उनकी लड़ाई राज्य सरकार से नहीं है। वे शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को रखने के लिए जाना चाहते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से वार्ता के लिए बुलाने की अपील की है। पंढेर ने यह भी कहा कि शनिवार को एक और जत्था दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश करेगा।
किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें बिना किसी कारण रोके हुए है। पहले कहा गया था कि ट्रैक्टर-ट्राली के साथ आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा, लेकिन अब उन्हें पैदल जाने से भी रोका जा रहा है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस वर्दी में गुंडे तैनात किए गए हैं।
झड़पों के दौरान एक किसान बैरिकेड पर चढ़ गया था, जिसे पुलिस ने वापस नीचे उतारा। वहीं, पुलिस ने किसानों पर स्प्रे किया और झड़प में कई लोग घायल हो गए। किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें उकसाया जा रहा है।