नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पेश किया जाएगा। इसे लेकर विपक्षी सांसदों ने केंद्र सरकार को घेरा है। शनिवार को जब ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी रिपोर्ट है हम लोगों ने अभी नहीं पढ़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं तो उनके पास अच्छा मौका है कि वह राज्यों और केंद्र की सरकार को भंग कर दें और दोबारा चुनाव करा लें। मैं समझता हूं कि इससे बढ़िया कौन सा मौका होगा। मैं कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के जुमलों में विश्वास मत कीजिए।“ कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कहा, “यह देश की संघीय ढांचे पर प्रहार है।“ संविधान पर चर्चा को लेकर उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के पत्र के बाद चर्चा हो रही है। उन्होंने संविधान बचाओ अभियान चला रखा है। इस सरकार ने 10 वर्षों में संवैधानिक मूल्यों का हनन किया है। चुनी हुई सरकार को डराने का काम किया जाता है। राहुल गांधी के लिए संविधान बचाओं नारा खोखला नारा नहीं है।
“लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के मुसलमानों पर दिए बयान पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “वह क्या कहेंगे हम खुद कह रहे हैं। वो क्या हमें मार देंगे। लेकिन उन्होंने हमें तबाह करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। पहले बच्चों को पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी जाती थी वह बंद कर दी गई। अल्पसंख्यक संस्थानों की कटौती कर बर्बाद कर दिया गया। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का बजट खत्म कर दिया गया। यह बताए कि कहां ले जाना चाहते हैं।“ लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, “संविधान के संदर्भ में जब से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संबोधन दिया है तब से वो लोग विचलित हैं। जब यह कह रहे हैं कि सभी सुरक्षित हैं तो यह बार-बार रोहिंग्या, बांग्लादेशी क्यों करते हैं। यह नफरत फैलाकर क्यों वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं। उन्हें पहले मणिपुर के मुद्दे पर बोलना चाहिए।
किसानों के दिल्ली कूच करने पर उन्होंने कहा, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात बाद में होनी चाहिए पहले किसानों के हित की बात होनी चाहिए। किसानों को मुआवजा नहीं मिलता है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। किसान मिलना चाहते हैं लेकिन पीएम मोदी मिलते नहीं, किसानों पर बात नहीं करते हैं। पहले किसान, युवाओं का मसला हल होना चाहिए। वह संविधान को तार-तार करने का प्रयास कर रहे हैं आज वह नेहरू की बात उठाएंगे। 10 साल में उन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है।