नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पत्र लिख कर श्रीलंका के जेल में बंद भारतीय मछुआरों की रिहाई का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस सांसद ने अपने पत्र में लिखा, “हम श्रीलंकाई राष्ट्रपति की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा की मेजबानी करने की तैयारी कर रहे हैं, मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह गलती से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा (आईएमबीएल) पार करने वाले भारतीय मछुआरों के मुद्दे को उठाएं और उनकी जल्द रिहाई सुनिश्चित करें।”
राहुल गांधी ने केंद्र से मछुआरों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करने और जब्त की गई मछली पकड़ने वाली नौकाओं की रिहाई सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। ताकि कोलंबो के साथ लंबित मुद्दों को हल करने के लिए संयुक्त कार्य समूह जैसी अंतर-सरकारी व्यवस्थाओं की नियमित बैठक सुनिश्चित हो सकें। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके 15 से 17 दिसंबर तक तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। सितंबर में पदभार ग्रहण करने के बाद यह दिसानायके की पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है। रविवार को नई दिल्ली पहुंचने पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया।
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इस बीच राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके का भारत की राजकीय यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की अगवानी की। राष्ट्रपति दिसानायके ने संयुक्त रक्षा सेवाओं द्वारा दिए गए गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने एक-दूसरे को अपने-अपने मंत्रियों, राजनयिकों और अधिकारियों से मिलवाया। रविवार को भारत पहुंचने के बाद राष्ट्रपति दिसानायके ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी।
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गत 4 अक्टूबर को कोलंबो की अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर ने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की और अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता से अवगत कराया। राष्ट्रपति दिसानायके के साथ अपनी बैठक में विदेश मंत्री ने ऊर्जा उत्पादन और पारेषण, ईंधन और एलएनजी आपूर्ति, धार्मिक स्थानों के सौर विद्युतीकरण, कनेक्टिविटी, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और डेयरी विकास के क्षेत्र में चल रही पहलों के बारे में बात की थी।