Saturday, April 12, 2025

मोहन भागवत का बड़ा बयान, मंदिर मस्जिद विवाद पर उठाए सवाल

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने देश में फिर से उभर रहे मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उठाकर “हिंदुओं के नेता” बनने की कोशिश कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है।

 

कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, हिजबुल कमांडर समेत 5 आतंकवादी ढेर

गुरुवार को “भारत-विश्वगुरु” विषय पर सहजीवन व्याख्यानमाला में बोलते हुए भागवत ने भारतीय समाज की बहुलता और समावेशी सोच पर जोर दिया। उन्होंने रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि “हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। यह हमारी परंपरा है।”

 

कादिर राणा की दोनों बेटियों को मिली नियमित जमानत, बेटे शाह मोहम्मद की जमानत पर सुनवाई आज

भागवत ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर का निर्माण सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि हर दिन नए विवाद उठाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम सभी मिल-जुलकर रह सकते हैं।”

 

मुज़फ्फरनगर में ट्रैक्टर-ट्रॉली को बचाने में संतुलन बिगड़ने से खाई में गिरी टूरिस्ट बस, कई यात्री घायल

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इतिहास में कुछ बाहरी समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए, लेकिन अब देश संविधान के अनुसार चलता है। उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन की कट्टरता का जिक्र करते हुए कहा कि उसके वंशज बहादुर शाह जफर ने 1857 में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाकर अलग दृष्टिकोण पेश किया था।

 

 

यह भी पढ़ें :  जेवर विधानसभा में रामोत्सव क्रिकेट ग्राउंड का शुभारंभ, अंतरराष्ट्रीय स्तर की महिलाओं ने खेला टी-20 मैच

भागवत ने कहा कि सभी भारतीय समान हैं, और “वर्चस्व की भाषा” का उपयोग करना गलत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी को अपनी-अपनी पूजा पद्धतियों का पालन करने की स्वतंत्रता है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय