नई दिल्ली। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा के नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की का लाहौर के एक अस्पताल में रहस्यमय तरीके से निधन हो गया। 26/11 मुंबई हमले और लाल किले पर हमले समेत कई आतंकी वारदातों में वांछित मक्की, पिछले साल से पाकिस्तान में रहस्यमय ढंग से गायब था।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, मक्की को 2023 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने छुपा दिया था। पाकिस्तान उसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करता रहा। यह भी कहा गया था कि उसे अज्ञात बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया था। अंततः, लाहौर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
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मक्की न केवल लश्कर-ए-तैयबा का नायब अमीर था, बल्कि जमात-उद-दावा के राजनीतिक संगठन का सेकंड-इन-कमांडर भी था। वह भारत के एक अन्य मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद का चचेरा भाई और सगा बहनोई था।
2023 में संयुक्त राष्ट्र की कमेटी ने मक्की को सात आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। इनमें 2000: लाल किला हमला,2008: रामपुर हमला और 26/11 मुंबई हमला,2018: गुरेज़ हमले थे।
साल 2022 में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन ने मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर तकनीकी रोक लगाई थी। हालांकि, 2023 में यह रोक हटानी पड़ी। संयुक्त राष्ट्र ने मक्की और उसके संगठन को भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
मक्की की मौत भारत के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि वह देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड था। उसकी मौत के साथ ही लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका लगा है।