Friday, April 25, 2025

प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से मिली जमानत, सुबह हुई थी गिरफ्तारी

 

पटना। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर को सोमवार (6 जनवरी) को पटना सिविल कोर्ट से 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई। लेकिन अदालत द्वारा लगाए गए सशर्त जमानत के प्रस्ताव को उन्होंने अस्वीकार कर दिया और अपना आमरण अनशन जारी रखने की घोषणा की।

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प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में BPSC अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। प्रशासन का आरोप था कि यह धरना प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से आयोजित किया गया था। जिला प्रशासन ने उन्हें निर्धारित प्रदर्शन स्थल गर्दनीबाग जाने का निर्देश दिया था। बार-बार चेतावनी और समय देने के बावजूद गांधी मैदान नहीं खाली किया गया, जिसके बाद प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स ले जाया गया। समर्थकों ने एम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मेडिकल जांच के बाद प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया।

अदालत ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। शर्त रखी गई कि वह भविष्य में ऐसे विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं होंगे, जिनसे कानून व्यवस्था भंग हो। प्रशांत किशोर ने इस सशर्त जमानत को अस्वीकार कर दिया। उनकी टीम ने बयान दिया, “युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना अगर गुनाह है, तो जेल जाना मंजूर है।”

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प्रशांत किशोर का अनशन BPSC अभ्यर्थियों की पांच सूत्री मांगों के समर्थन में था। छात्रों का आरोप है कि परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हैं। वे निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों में भारी आक्रोश देखा गया। गांधी मैदान और एम्स के बाहर प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।

पटना जिला प्रशासन ने कहा कि गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां प्रदर्शन करना कानून का उल्लंघन है। प्रशासन ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है, और उन्होंने वैकल्पिक स्थल की पेशकश की थी। प्रशांत किशोर ने साफ किया कि वह अनशन से पीछे नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि जब तक युवाओं की मांगें पूरी नहीं होतीं, वह आंदोलन जारी रखेंगे।

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