Thursday, January 9, 2025

दिल्ली में चुनावी माहौल के बीच ‘शीशमहल’ विवाद पर आप भाजपा आमने सामने

 

 

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी चरम पर पहुंच गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई अब ‘शीशमहल’, कब्रगाह, और श्मशान जैसे तीखे शब्दों पर आ गई है।

 

‘प्रियंका गांधी के गाल’ पर की थी टिप्पणी, महिला कांग्रेस ने विधूड़ी के खिलाफ लिखाई एफआईआर

 

‘शीशमहल’ विवाद पर BJP का हमला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन को लेकर BJP ने पहले ही AAP पर हमला बोल रखा था। अब हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “दिल्ली में बना ‘शीशमहल’ आम आदमी पार्टी की कब्रगाह बनेगा।”

 

बरेली में धोखाधड़ी करने वाला ‘ठग बाबा’ गिरफ्तार, मृत्यु भय का डर बताकर पूजा के नाम पर ठगा

अनिल विज ने AAP पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी ने खुद को गरीबों की पार्टी के रूप में पेश किया था, उसका यह ‘शीशमहल’ उसकी राजनीतिक समाप्ति का प्रतीक बनेगा।

शहाबुद्दीन रिजवी के बयान पर पूर्व विधायक विक्रम सैनी का पलटवार,बोले-मौलानाओं अपना डीएनए कराओं

 

BJP और अनिल विज के इस बयान पर AAP ने कड़ा जवाब दिया। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर पलटवार करते हुए कहा, “अगर दिल्ली का सीएम आवास कब्रगाह है, तो दिल्ली का पीएम आवास श्मशान बना दो।”

 

 

संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि जहां कब्रिस्तान हो, वहां श्मशान भी होना चाहिए। ऐसे में अगर CM आवास को कब्रगाह कहा जा रहा है, तो हमें PM आवास को श्मशान बना देना चाहिए, ताकि हम वहां अंतिम संस्कार कर सकें।”

 

BJP ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन को आम आदमी पार्टी की ‘विरोधाभासी राजनीति’ का उदाहरण बताया है। पार्टी का आरोप है कि AAP ने हमेशा सादगी और पारदर्शिता का दावा किया, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च कर सीएम आवास को ‘शीशमहल’ में बदल दिया।

AAP इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए इसे चुनावी प्रोपेगेंडा करार दे रही है। उनका कहना है कि भाजपा वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।

AAP के लिए चुनौती: भाजपा ‘शीशमहल’ विवाद को दिल्ली चुनावों में AAP के खिलाफ एक प्रमुख हथियार बना रही है।

सामाजिक मुद्दे दरकिनार: इस बयानबाजी से यह स्पष्ट है कि चुनावी चर्चा मुख्य मुद्दों से भटक कर व्यक्तिगत हमलों और प्रतीकात्मक टिप्पणियों तक सीमित हो गई है।

विरोधियों की रणनीति: BJP और AAP दोनों अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,684FansLike
5,481FollowersFollow
137,217SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!