नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा को अमेरिका में मिलाने का सपना अब चकनाचूर हो गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप की इस इच्छा पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ शब्दों में कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा।
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मार-ए-लागो में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह कनाडा को अमेरिका में मिलाने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करेंगे। ट्रंप ने इसका जवाब देते हुए कहा,“नहीं, मैं सैन्य ताकत का इस्तेमाल नहीं करूंगा, बल्कि आर्थिक ताकत का करूंगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कनाडा और अमेरिका मिलकर कुछ बड़ा कर सकते हैं।
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ट्रंप के बयान के कुछ घंटों बाद ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर स्पष्ट जवाब दिया। ट्रूडो ने कहा “इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कनाडा यूनाइटेड स्टेट्स का हिस्सा बनेगा।” उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के नागरिकों और कामगारों को एक-दूसरे का व्यापारिक और सुरक्षा भागीदार होने से फायदा होता है, और इसी साझेदारी को बनाए रखना दोनों देशों के हित में है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका पर आर्थिक बोझ बताते हुए कहा कि अमेरिका हर साल कनाडा को 200 बिलियन डॉलर की सब्सिडी देता है। उन्होंने कहा कि 2023 में, वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में कनाडा के साथ अमेरिका को 40.6 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ था।
कनाडा एक संप्रभु राष्ट्र है और उसका एक अलग राजनीतिक और सामाजिक ढांचा है। किसी भी देश को मिलाने या विलय के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की सहमति की आवश्यकता होती है। कनाडा के नागरिकों में अपनी राष्ट्रीय पहचान और स्वतंत्रता को लेकर गहरी भावनाएं हैं।