Thursday, January 9, 2025

हाथरस सत्संग में मौत मामले में DM-SSP कोर्ट में तलब, पूछा-121 श्रद्धालुओं की मौत के लिए क्यों न माने जिम्मेदार !

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई 24 को हाथरस के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में सूरज पाल उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में हुई भगदड़ में हुई मौत मामले में हाथरस के तत्कालीन जिलाधिकारी व एसएसपी को हलफनामे के साथ 15 जनवरी को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न प्रशासनिक बदइंतजामी के कारण 121 श्रद्धालुओं की मौत में उनकी जवाबदेही तय की जाय।

यूपी में 15 IPS अधिकारियों का तबादला, 8 ज़िलों के पुलिस कप्तान बदले, मुजफ्फरनगर के सीओ सिटी सहारनपुर गए

कोर्ट ने जनवरी से शुरू होने वाले विश्व के सबसे बड़े प्रयागराज कुम्भ मेले के आयोजन करने वाले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को हाथरस की घटना से सबक लेने की नसीहत दी। कहा कि प्रयाग महाकुम्भ में करोड़ों लोग आएंगे। केंद्र व राज्य सरकार इंतजाम में लगी है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री मौके पर आकर व्यवस्था देख रहे हैं। बावजूद इसके बदइंतजामी से अप्रिय घटना हो सकती है। पुलिस प्रशासन व्यवस्था देखे। ठीक से मेला होने से प्रदेश व देश ही नहीं देश के बाहर अच्छा उदाहरण पेश होगा।

मुज़फ्फरनगर में BJP के मंडल अध्यक्ष घोषित, जिला प्रतिनिधि भी चुने गए, आज से जिला अध्यक्ष पद की प्रक्रिया शुरू !

कोर्ट ने आदेश की प्रति सीजेएम हाथरस, गृह सचिव उप्र, आयुक्त, जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त प्रयागराज को भेजने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हाथरस की घटना में बदइंतजामी की आरोपित मंजू देवी की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

मुरादाबाद में ITBP का रिटायर्ड इंस्पेक्टर गिरफ्तार, एक्सपोर्टर को धमकी देकर मांगे थे 50 लाख रुपये
मालूम हो कि बृजेश पांडेय दरोगा पोरा पुलिस चौकी इंचार्ज ने सिकंदराराऊ थाने में एफआईआर दर्ज की। आयोजकों पर भगदड़ से मौत का आरोप लगाया। पुलिस विवेचना जारी है। सरकार की तरफ से कहा गया कि आयोजकों ने 80 हजार भीड़ आने की शासन से अनुमति ली थी। किंतु ढाई लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा हो गया। भोले बाबा प्रवचन के बाद जाने

बरेली में धोखाधड़ी करने वाला ‘ठग बाबा’ गिरफ्तार, मृत्यु भय का डर बताकर पूजा के नाम पर ठगा

लगे तो दर्शन के लिए भीड़ उसी तरफ बढ़ी। सेवादारों ने जबरन रोक लिया। सैकड़ों की संख्या में लोग दब व कुचल गये। कीचड़़ भरे खेत में पैरों तले रौंद दिए गए। 121 लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हो गये। प्रशासन की तरफ से 50 पुलिसकर्मी ही तैनात थे। जो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नाकाफी थे। उसमें प्रशासन की बदइंतजामी साफ है।

कानपुर में कुख्यात गैंगस्टर जिला बदर होने के बावजूद कर रहा था स्टंटबाजी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

न्यायमूर्ति यादव ने कहा कि पूर्व में ऐसी तमाम घटनाएं हुई हैं। गरीब व अनपढ़ लोगों की भीड़ बुला ली जाती है और कोई व्यवस्था नहीं की जाती। श्रद्धा व विश्वास में भीड़ आपा खो बैठती है और भगदड़ में असामयिक मौतें हो जाती हैं। आयोजकों द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की जाती। प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,684FansLike
5,481FollowersFollow
137,217SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!