कैराना: न्यायालय ने दस विभिन्न मामलों में चौदह आरोपियों को दोषी करार देते हुए कुल 42,800 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
वर्ष 2009 में बाबू खां पुत्र फीका, यासीन पुत्र हनीफ, और वकील पुत्र अनीस (निवासी बघरा, मुजफ्फरनगर) के खिलाफ थाना कैराना में सीएस एक्ट और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई। वर्ष 2012 में इरफान पुत्र जमालुदीन (निवासी ग्राम भूरा) के खिलाफ थाना शामली में 25 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई।
वर्ष 2005 में ओमपाल पुत्र सरजीत सिंह (निवासी हरियाखेड़ा) के खिलाफ थाना कांधला में मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने दोषी करार दिया। वर्ष 1998 में नेत्रपाल पुत्र कलीराम (निवासी कम्हेडा, गंगोह, सहारनपुर) के खिलाफ सबूत मिटाने के मामले में थाना झिंझाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने अर्थदंड से दंडित किया।
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वर्ष 2014 में मांगेराम पुत्र परशुराम (निवासी अहमदगढ़) के खिलाफ थाना झिंझाना में आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जुर्माने से दंडित किया। वर्ष 2001 में इरफान उर्फ फानू पुत्र असगर (निवासी आलखुर्द) के खिलाफ चोरी के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई। वर्ष 1995 में राशिद पुत्र भूरा कसाई (निवासी बल्ला माजरा) के खिलाफ थाना झिंझाना में सीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई।
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वर्ष 2008 में नौशाद उर्फ भूरा पुत्र शमशाद (निवासी टपराना) के खिलाफ थाना झिंझाना में सीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई। वर्ष 1999 में सलीम उर्फ अद्दा पुत्र राशिद (निवासी मौहल्ला पीरजादगान) के खिलाफ चोरी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि की सजा सुनाई। वर्ष 2008 में अजमेर पुत्र प्रेमदास, सुरजन पुत्र प्रेमदास, कृष्णपाल पुत्र अजमेर (निवासी जगनपुर) के खिलाफ थाना कैराना में मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई। निर्धारित समय में जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।
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