मुज़फ्फरनगर- खानुपुर गांव और मंसूरपुर डिस्टलरी प्रशासन में चल रहे विवाद के बीच शुकतीर्थ मे साधु-संतो ने शुक्रवार को पुनः पंचायत कर मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया है तथा महापंचायत की घोषणा को वापस लेने की प्रशासन द्वारा वायरल हुई एक वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है। साधु संतों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
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शुकतीर्थ स्थित शुकदेव सिटी मे शुक्रवार को आयोजित पंचायत में संतों ने प्रदर्शन कर डिस्टलरी प्रशासन पर मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है तथा 19 जनवरी को खानुपुर में होने वाली महापंचायत के लिए अपना उद्देश्य प्रकट किया है।
पंचायत में महामंडलेश्वर स्वामी गोपालदास महाराज ने कहा कि 1960 में इस जमीन को कर्मचारियों ने चंदा एकत्र कर मंदिर और धर्मशाला के लिए खरीदा था। तभी से ग्राम पंचायत खानुपुर इसकी देखरेख कर रही थी। इस भूमि का बैनामा लक्ष्मी नारायण मंदिर तथा सनातन धर्मशाला के नाम किया गया था, जो अभी उनके पास है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। डिस्टलरी प्रशासन जबरदस्ती प्रशासन से सांठगांठ कर मंदिर की जमीन को कब्जा कर करोड़ो में बेचने
का प्रयास कर रहा है जिसे संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदेश की योगी सरकार के उद्देश्य के विपरीत जिले का भ्रष्ट प्रशासन कार्य कर रहा है। उस स्थान पर मंदिर बन कर रहेगा। साधु संतो व अन्य व्यक्तियों ने शुक्रवार की सुबह वायरल हुई एक वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है।
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आपको बता दें कि शुक्रवार की सुबह संत समाज की तरफ से एक वीडियो वायरल की गई थी जिसमे अजय कृष्ण शास्त्री ने बताया था की शुकतीर्थ के साधु संत 19 जनवरी की महापंचायत मे भाग नहीं लेंगे। वीडियो के वायरल होने के बाद संतो में रोष भड़क गया। अजय कृष्ण शास्त्री ने इस प्रकरण से स्वयं को अलग कर लिया तो वहीं शुकदेव सिटी पर बड़ी संख्या मे इकट्ठा हुए संतो ने जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए खानुपुर महापंचायत में जाने व मंदिर निर्माण का अपना संकल्प दोहराया।
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इस दौरान साधु संतो मे भारी रोष दिखाई पड़ा। इस अवसर पर पत्थरपुरी महाराज, शंकरगिरि, विशेषरपुरी, रामगिरि, सोमनाथ महाराज, भैयारामदास, मुरारी अवस्थी, ओमकारसिंह, लोकेशानन्द, जगदीशानंद, ब्रह्मचारी, बिन्नू राठी,आदि उपस्थित रहे।