मुंबई। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को शुक्रवार को बड़ा बूस्ट मिला। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने आईफोन का उत्पादन करने वाली कंपनी पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया में 60 प्रतिशत की कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदी है। इस अधिग्रहण से भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में कंपनी की स्थिति और मजबूत होगी। इससे पहले टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी विस्ट्रॉन के भारतीय ऑपरेशंस का 125 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था।
मुज़फ्फरनगर में किसान से वसूली करने गई टीम तो कर दी हाथापाई, ऋण जमा करने से मामला हुआ शांत
डील के तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन दोनों अपनी टीमों को एकीकृत करेंगे और पेगाट्रॉन की रीब्रांडिंग की जाएगी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और एमडी डॉ. रणधीर ठाकुर ने कहा, “पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है।” उन्होंने कहा कि हम नई सुविधाओं को लाने और भारत में अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने के साथ ही एआई, डिजिटल और टेक्नोलॉजी आधारित मैन्युफैक्चरिंग के एक नए युग की ओर अग्रसर हैं। पेगाट्रॉन के भारतीय प्लांट में लगभग 10,000 कर्मचारी हैं और कंपनी आईफोन 13 और 14 की मैन्युफैक्चरिंग करती है।
मंसूरपुर के खानूपुर में मंदिर की जगह पर रहेगी यथा स्थिति, सिविल जज ने दिए आदेश
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स में करीब 50,000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं और कंपनी के ऑपरेशन गुजरात, असम, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैले हुए हैं। भारत में तीन कंपनियां आईफोन की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करती हैं। इसमें फॉक्सकॉन, टाटा और पेगाट्रॉन शामिल हैं। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और बढ़ते प्रीमियमीकरण के कारण एप्पल ने कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत से आईफोन 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया था।
भोकरहेड़ी में बिल का कर दिया भुगतान, बिजली विभाग ने उखाड़ लिया मीटर,भाकियू कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
इंडस्ट्री के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, एप्पल ने पिछले साल 12 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के आईफोन निर्यात किए थे, जो 2023 की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक है। अनुमानों के अनुसार, एप्पल का घरेलू उत्पादन एक साल पहले की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत बढ़ा है। एप्पल इकोसिस्टम ने चार वर्षों में 1,75,000 नई प्रत्यक्ष नौकरियां दी हैं। इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत से अधिक है।