महाकुम्भ नगर। हिंदू समाज जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनका समाधान पूज्य संतों के मार्गदर्शन और सहभागिता से ही संभव है। यह बात सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के शिविर, सेक्टर 18 में सोमवार को युवा संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए विहिप के केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे ने कहा।
उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का शंखनाद हो चुका है और इस दिशा में आगे की रणनीति पूज्य संतों के मार्गदर्शन में ही तय होगी। उन्होंने हिंदू जनसंख्या संतुलन, लव जिहाद, मतांतरण, घुसपैठ और अन्य चुनौतियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बैठक में राष्ट्र निर्माण के लिए चारित्रिक विकास और अच्छे नागरिक बनने के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। साथ ही आंदोलन के नाम पर राष्ट्रीय संपत्ति की हानि रोकने, पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध, विवाह व्यवस्था में सुधार और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन जैसे विषयों पर भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जाहिर करते हुए युवा संतों ने कहा कि हम दो हमारे दो ठीक नहीं है। महामंडलेश्वर ज्योतिर्मया नंद ने कहा कि अभी समय है विधर्मियों की जनसंख्या बढ़ने पर रोक लगाई चाहिए।
स्वामी राजू लोचन दास महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दू समाज की समस्या का एक मात्र निवारण यह है कि हम धर्म के आधार पर विचार करें। उन्होंने हिन्दूओं के तीन मानकों की भी चर्चा की। योगी चैतन्य महाराज ने अपने संबोधन में हिन्दू समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने की बात कही। युवा संतों ने हिंदू समाज में जाति, भाषा, पंथ और संप्रदाय के आधार पर हो रहे विभाजन को समाप्त करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की व्यवहारिक समस्याओं और आध्यात्मिक उत्थान के लिए संतों का मार्गदर्शन आवश्यक है। संतों ने यह संकल्प लिया कि वे विश्व हिंदू परिषद के वैचारिक संघर्ष में सहयोगी बनेंगे। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय संत संम्पर्क प्रमुख अशोक तिवारी जी ने किया।
कार्यक्रम में पूज्य संत संतोष जी महाराज, आचार्य सुब्रत जी महाराज, हरिभक्त संतोष जी, स्वामी शोभनानंद पुरी जी, महामंडलेश्वर ज्योतिर्दास जी महाराज, महंत सुजीत दास जी, महंत बालक दास सहित देश के कोने-कोने से सैकड़ों संत उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विहिप के केंद्रीय सह महामंत्री संगठन विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री संगठन कोटेश्वर शर्मा, केंद्रीय मंत्री हरिशंकर, क्षेत्र संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश गजेंद्र और मेरठ क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी काशी प्रांत अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह, आदि उपस्थित रहे।