नालंदा,बिहारशरीफ। गर्मी शुरू हाेने से पूर्व जिला स्वास्थ्य विभाग एलर्ट है। चमकी बुखार यानी ‘एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम’ (एईएस) को लेकर सभी सरकारी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि अब तक जिले में इस बीमारी का कोई भी संदिग्ध मरीज नहीं मिला है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने पूरी एहतियात बरतते हुए निगरानी तेज कर दी है। विशेष रूप से अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले छोटे बच्चों पर चिकित्सकों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने पारा मेडिकल स्टाफ को भी चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षणों से अवगत करा दिया है। सदर अस्पताल सभागार में इन स्टाफ को इस बीमारी से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे मरीजों की सही पहचान कर सकें और उन्हें तुरंत उचित इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा सकें। आमतौर पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह से नवंबर के अंत तक इस बीमारी का प्रकोप अधिक रहता है। इसलिए विभाग ने पहले से ही विशेष सावधानियां बरतनी शुरू कर दी हैं।
दरअसल चमकी बुखार को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) कहा जाता है। यह एक गंभीर मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, जो ज्यादातर छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। इस बीमारी के कारण मरीज का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क व शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। इसी ऐंठन को आम भाषा में ‘चमकी’ कहा जाता है। यह संक्रमण ज्यादातर गर्मी और बरसात के मौसम में फैलता है।बिहार स्वास्थ्य विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को भी इस बीमारी की रोकथाम के लिए सक्रिय कर दिया है। वे अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करेंगी और संभावित मरीजों की पहचान कर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने का कार्य करेंगी। यदि किसी बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई है।