सोनीपत। फरीदाबाद में एक महिला तहसीलदार पर केस दर्ज होने और भ्रष्टाचारी तहसीलदारों की सूची के विरोध में सोमवार को सोनीपत में तहसीलदारों ने सांकेतिक हड़ताल की। इस हड़ताल के चलते जिले में रजिस्ट्री का कार्य पूरी तरह ठप रहा, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग रजिस्ट्री के लिए टोकन लेकर पहुंचे थे, लेकिन तहसील कार्यालय के दरवाजे बंद होने और ऑपरेटर की अनुपस्थिति से उन्हें निराशा हाथ लगी।
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सोनीपत तहसील में प्रतिदिन औसतन 150 टोकन जारी किए जाते हैं, इसके अलावा गोहाना, गन्नौर, खरखौदा, राई भी रजिस्ट्रियां व अन्य डीड की संख्या अलग-अलग रहती है। जिससे कई प्रकार की रजिस्ट्रियां और डीड्स निष्पादित होती हैं। हड़ताल के कारण यह प्रक्रिया बाधित रही, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जिले की सभी तहसीलों और उप-तहसीलों में काम पूरी तरह से ठप रहा।
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हरियाणा सरकार ने पहले पटवारियों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की थी, अब तहसीलदारों की बारी आई है। सरकार द्वारा बनाई गई सूची में 47 तहसीलदारों के नाम शामिल होने की खबर है, जिन पर गलत तरीके से रजिस्ट्रियां कराने और धारा 7-ए की अनदेखी के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि इन तहसीलदारों ने धन लेकर अवैध रजिस्ट्रियां करवाईं। इस सूची को लेकर तहसीलदारों में असंतोष है, और उन्हें आशंका है कि सरकार आने वाले दिनों में उनके खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है।
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फरीदाबाद की बड़खल तहसील की तहसीलदार नेहा सरन को निलंबित करने के बाद मामला और गर्मा गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नवभारत पेंट्स के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर औद्योगिक क्षेत्र के एक प्लॉट की नीलामी का नोटिस जारी कराया, जबकि इस पर कानूनी विवाद लंबित था। शिकायतकर्ता अमरजीत सिंह चावला के अनुसार, यह कार्रवाई नियमों का उल्लंघन थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने वसूली की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इधर तहसीलदार एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले गहन जांच की जाए।
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उनका कहना है कि बिना उचित जांच के भ्रष्टाचार का आरोप लगाना उचित नहीं है। तहसीलदार एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जानी है। यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो हड़ताल को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इससे सरकारी राजस्व पर और अधिक असर पड़ सकता है।