चंडीगढ़। हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस केवल नगर निगम चुनाव काे पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी। शुक्रवार को कांग्रेस की दिल्ली में बैठक में चुनावी रणनीति बनाई। कांग्रेस निकाय चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से करवाने की मांग करेगी। जिसके चलते प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में जल्द ही एक शिष्टमंडल चुनाव आयुक्त को मिलेगा।
हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने तय किया है कि राज्य में 10 नगर निगमों के मेयर और पार्षदों के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़े जाएंगे। नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा हालांकि शहरी निकायों के समस्त चुनाव सिंबल पर ही लड़ने की तरफदारी करती रही हैं, लेकिन नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में हुई कांग्रेस की बैठक में तय हुआ कि नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चुनाव सिंबल पर लड़ने से नुकसान होगा। इससे पार्टीबाजी और गुटबाजी बढ़ेगी। नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चुनाव चूंकि काफी स्थानीय स्तर के होते हैं और एक सीट पर चुनाव लड़ने वाले कई-कई दावेदार होते हैं, इसलिए इन चुनाव को सिंबल पर लड़ना उचित नहीं है।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक माह पहले उत्तराखंड में भी बैलेट पेपर से चुनाव हुए हैं। हरियाणा में निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग को लेकर हम जल्दी ही राज्य चुनाव आयुक्त से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि नगर परिषद व पालिकाओं के चुनाव सिंबल पर लड़ने अथवा नहीं लड़न का फैसला बाद में लिया जाएगा। बैठक में शामिल पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के अनुसार नगर परिषद व पालिकाओं के चुनावों का फैसला दोनों सह प्रभारियों पर छोड़ दिया गया है।
इस बैठक में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान, कांग्रेस के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और सह प्रभारी प्रफुल्ल पटेल मौजूद रहे। वहीं कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल नहीं हुए।