Tuesday, March 4, 2025

राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर जूते चप्पल का लगा अंबार

अयोध्या। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। राम मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसी बीच, मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए जूते-चप्पलों का अंबार लग गया है, जिससे नगर निगम के कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भक्तों द्वारा बड़ी संख्या में जूते-चप्पल छोड़ जाने के कारण अब यह प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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अयोध्या में भक्तों की उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में कुछ बदलाव किए हैं। पहले, श्रद्धालु राम पथ पर स्थित मुख्य प्रवेश द्वार गेट संख्या एक से प्रवेश करते थे और दर्शन के बाद उसी मार्ग से बाहर निकलते थे, जिससे वे अपने जूते-चप्पल वापस ले सकते थे।

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हालांकि, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने दर्शन के बाद गेट संख्या तीन और अन्य द्वारों से निकासी की व्यवस्था कर दी है। अब भक्तों को मंदिर परिसर से बाहर निकलने के लिए पांच से छह किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है, जिसके चलते कई लोग अपने जूते-चप्पल वहीं छोड़कर नंगे पैर अपने वाहनों या आवास की ओर चले जाते हैं। यही कारण है कि राम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर रोजाना हजारों जूते-चप्पल इकट्ठे हो रहे हैं।

 

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अयोध्या नगर निगम के कर्मचारी लगातार मंदिर परिसर के आसपास पड़े लावारिस जूते-चप्पलों को हटाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण यह समस्या और विकराल होती जा रही है। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया, “हम रोजाना मंदिर के प्रवेश द्वार से हजारों जूते-चप्पल हटा रहे हैं, लेकिन अगले ही दिन वहां फिर उतनी ही संख्या में नए जूते-चप्पल जमा हो जाते हैं।”

 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ 2025 की शुरुआत के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, “पिछले 30 दिनों से मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं, ताकि भक्तों को सुचारू रूप से दर्शन का अवसर मिल सके।”

अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भक्तों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। उन्होंने कहा, “हम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगातार नई व्यवस्थाएं लागू कर रहे हैं।”

 

प्रशासन अब इस समस्या के समाधान के लिए नए विकल्पों पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर के पास ही विशेष जूता-चप्पल स्टैंड या लॉकर्स की व्यवस्था की जा सकती है, जिससे भक्त अपने जूते-चप्पल सुरक्षित रख सकें और दर्शन के बाद आसानी से प्राप्त कर सकें।

इसके अलावा, प्रशासन द्वारा जूते-चप्पल रखने के लिए अलग स्थान निर्धारित करने और जागरूकता अभियान चलाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु बिना परेशानी के अपनी वस्तुएं सुरक्षित रख सकें।

 

राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से ही अयोध्या में भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। महाकुंभ के चलते यह संख्या और अधिक बढ़ गई है। अब प्रशासन की कोशिश है कि इस धार्मिक उत्साह को बनाए रखते हुए मंदिर में दर्शन की व्यवस्था को अधिक सुचारू और सुविधाजनक बनाया जाए।

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