मेरठ। मेरठ कोतवाली थाना क्षेत्र के गुदड़ी बाजार में तिहरे हत्याकांड में इजलाल कुरैशी समेत 9 दोषियों की अपील जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। शीबा सिरोही को अपील बेल मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित पक्ष के वकील अमित कुमार राणा ने बताया कि इजलाल समेत 10 आरोपियों ने सेशन कोर्ट के उम्रकैद के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील जमानत अर्जी डाली थी। जिसमें से सिर्फ शीबा को जमानत मिली है। मेरठ जेल में बंद है इजलाल, उसके भाई समेत 3 दोषी। सजायाफ्ता 6 हत्यारों को सेंट्रल जेल आगरा किया गया शिफ्ट।
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ये था पूरा मामला
23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे। इनकी पहचान मेरठ निवासी 27 वर्षीय सुनील ढाका निवासी निवासी ढिकौली बागपत, 22 वर्षीय पुनीत गिरि निवासी खटकी परीक्षितगढ़ और 23 वर्षीय सुधीर उज्ज्वल निवासी सिरसलगढ़ बिनौली बागपत के रूप में हुई थी।
जांच में सामने था आया कि 22 मई की रात कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर तीनों की हत्या की थी।
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इजलाल की दोस्त शीबा सिरोही को हत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया था। 22 अगस्त 2008 को कोतवाली पुलिस ने तिहरे हत्याकांड में 14 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो गई थी। अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुकदमे में रोजाना सुनवाई करने के आदेश दिए थे। दस जुलाई 2024 तक लगातार हर रोज सुनवाई हुई। 14 साल तक सभी को जेल में रहना पड़ा।
वर्ष 2023 में इजलाल पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, 14 साल जेल में रहने के चलते जमानत मिल गई थी। सभी नौ आरोपी तब से बाहर थे। एक अगस्त को कोर्ट ने इजलाल और उसके भाई अफजाल, महराज, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, बदरुद्दीन पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था। पांच अगस्त को आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।