चेन्नई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को तमिलनाडु के अरक्कोणम केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने सीआईएसएफ से संबंधित पत्रिका सेंटिनल का विमोचन किया। उन्होंने सीआईएसएफ की तरफ से आयोजित परेड का निरीक्षण किया। इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और सीआईएसएफ के कार्यों की सराहना भी की।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, “केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर मैं देशभर के सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। देश में औद्योगिक सुरक्षा के संचालन में सीआईएसएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने सीआईएसएफ के बहुआयामी कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि 56 सालों में सीआईएसएफ ने देश के विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिए मैं सीआईएसएफ के प्रत्येक कर्मियों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि आज हमारे देश के पूर्व गृह मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत की पुण्यतिथि है।
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मैं आज उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं। यहां मैंने सीआईएसएफ के 127 शहीदों की स्मृति में भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। इन 127 जवानों ने विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा कर्तव्यों का पालन करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। मैं इन शहीदों के परिवारों से कहना चाहता हूं कि आपके प्रियजनों के बलिदान के कारण ही हमारा देश आज दुनिया के सामने गर्व से खड़ा है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज मैं तमिलनाडु की महान भूमि पर खड़ा हूं। 2019 में हमने केवल दिल्ली के बजाय देश के विभिन्न हिस्सों में सीआईएसएफ स्थापना दिवस मनाने का फैसला किया। मुझे खुशी है कि इस वर्ष, यह कार्यक्रम थक्कोलम में क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया जा रहा है।
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तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति ने भारत की विरासत को काफी मजबूत किया है। चाहे वह प्रशासनिक सुधार हो, आध्यात्मिक उन्नति हो, शिक्षा का स्तर हो या राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश हो।” अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल भर्ती पर बात करते हुए कहा, “अभी तक सीएपीएफ भर्ती में मातृभाषा के लिए कोई स्थान नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय लिया कि हमारे युवा अब तमिल सहित आठ भाषाओं में सीएपीएफ परीक्षा दे सकेंगे। मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से आग्रह करना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में तमिल भाषा को शामिल करने की दिशा में कदम उठाएं।”