मुजफ्फरनगर। जनपद में किसान विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी उनकी परेशानियों को दूर करने के बजाय अनदेखा कर रहे हैं। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) द्वारा 10 मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय पर किसान समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।
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किसानों की समस्याएं और प्रशासन की लापरवाही
किसानों का कहना है कि कृषि से जुड़े कॉपरेटिव, राजस्व, गन्ना, बैंक, चकबंदी समेत कई विभाग उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। किसानों को सरकारी कार्यालयों में हीन भावना से देखा जा रहा है और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा। किसानों का आरोप है कि गन्ना विभाग और शुगर मिलों की मिलीभगत से महंगे बीज व दवाइयां बेची जा रही हैं, जबकि गन्ने की बीमारियों (रेड रॉट, पायरिला, टॉप बोरर) की रोकथाम के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। सिर्फ औपचारिक गोष्ठियों का आयोजन कर खानापूर्ति की जा रही है।
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किसानों को 3% की सब्सिडी मिलने का प्रावधान है, लेकिन कॉपरेटिव विभाग सब्सिडी वापस नहीं कर रहा। रियल-टाइम खतौनी में त्रुटियों के कारण किसानों को भूमिहीन बना दिया गया है। लेखपाल बिना पैसे लिए किसानों के काम नहीं कर रहे और उनके अधिकृत प्रतिनिधियों के जरिए ही फाइलें आगे बढ़ाई जा रही हैं। बैंकों द्वारा 2 लाख रुपये तक के ऋण पर भी किसानों की जमीन नियम विरुद्ध बंधक रखी जा रही है। इसके अलावा, किसानों पर अनावश्यक चार्ज भी लगाए जा रहे हैं। चकबंदी विभाग में अधिकारी अपने ही आदेशों को बार-बार बदल रहे हैं। इसकी वजह से कई किसान भूमिहीन हो चुके हैं और उन्हें उनकी जमीन वापस नहीं मिल रही है।
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भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) इन सभी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग को लेकर 10 मार्च को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगी। संगठन का कहना है कि अगर किसानों की समस्याओं का जल्द निवारण नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।