Saturday, April 19, 2025

यूपी में बिक रही नकली सेफिक्सिम, लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट , सैम्पल हुए फेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वॉरनाक केयर नामक कम्पनी द्वारा सेफिक्सिम, लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट नामक नकली दवा बेची जा रही है। मैनपुरी जनपद में औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने वॉरनाक केयर कम्पनी की इस नकली दवा को जब्त किया और सारे सैम्पल की जांच करायी। सैम्पल जांच में मालूम हुआ कि जब्त किया गया दवा का पूरा नमूना नकली है। बाजार में इस दवा से गुर्दे के संक्रमण, निमोनिया, साइनसाइटिस जैसी बीमारियों का उपचार होता है। वहीं वॉरनाक केयर कम्पनी नकली दवाओं को बेचकर मुनाफा कमा रही है।

यूपी में नौ आईएएस अफसरों के तबादले, प्रभु एन सिंह प्रतीक्षा सूची में भेजे गए

उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त राजेश कुमार (द्वितीय) ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि एक सप्ताह पहले मैनपुरी में विभागीय अधिकारियों ने एक स्थान पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में दवाओं को बरामद किया। मौके से मिली दवाओं का असर न होने की शिकायतें मिल रही थीं। सेफिक्सिम, लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट के रैपरों से निकाली गयी दवाओं की सेम्पलिंग हुई। अभी प्राप्त हुई जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दवा पूरी तरह से नकली है। नकली दवाओं को रैपर में भरकर वॉरनाक केयर कम्पनी बाजार में बेच रही है।

गाजियाबाद में घरेलू विवाद बना खूनी संघर्ष, भतीजे ने चाचा की गोली मारकर की हत्या

आयुक्त राजेश कुमार ने बताया कि दवाओं को लेकर विभागीय जांच में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। यही कारण है कि बाजार में मिलने वाली आवश्यक दवाओं की नकली दवा को पकड़ने में विभाग को सफलता मिल रही है। दवा कम्पनी वॉरनाक केयर की फैक्टरी का पता उत्तराखंड राज्य है। जहां पर दवा कम्पनी का कोई बोर्ड, बनता हुआ मैटेरियल अथवा किसी प्रकार का कोई कार्यालय नहीं मिला है। नकली दवा पकड़ने के बाद से विभागीय अधिकारी फैक्टरी पर छापेमारी के प्रयास में है। निर्माण स्थल के हाल-पता की जानकारी करायी जा रही है।

यह भी पढ़ें :  पति ने मांगा पत्नी से खाना, गुस्साई पत्नी ने दे दिया छत से धक्का, हुई मौत, मचा हड़कंप

बहराइच में ओवरटेक के दौरान हुई दुर्घटना, दो बच्चे व दो महिलाओं सहित 5 की माैत

नाक, कान की बीमारियों के एक्सपर्ट डाक्टर अनुराग ने कहा कि सेफिक्सिम, लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट का उपयोग नाजुक अंगों के संक्रमण के वक्त किया जाता है। मरीज को कान, नाक, गला में संक्रमण होने पर इस फार्मूलें की दवा दी जाती है। साइनसाइटिस, टान्सिलिटिस, ग्रसनीशोथ जैसी बीमारियों के उपचार के लिए इसे मरीज को दिया जा सकता है। इसी तरह फेफड़ें के संक्रमण या निमोनिया, मूत्र नली में संक्रमण में भी इस फार्मूले की दवा का उपयोग करते हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय