मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का ललित कला विभाग में किसी रंग-बिरले उत्सव का गवाह बना। मौका था विश्व पृथ्वी दिवस का और मंच पर थे वे छात्र, जिन्होंने धरती का रूप धारण कर सबको उसका दर्द, उसकी पुकार और उसके संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम की थीम थी ‘पृथ्वी बचाओ, जीवन बचाओ’, इसे जीवंत किया विद्यार्थियों ने फैंसी ड्रेस, पोस्टर, स्लोगन और अभिनय के ज़रिए। कार्यक्रम की अगुवाई कर रहीं प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया कि इस वर्ष की थीम “Our Power, Our Earth” के ज़रिए यह संदेश दिया जा रहा है कि हमें पारंपरिक ऊर्जा से हटकर हरित ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा।
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मुख्य अतिथि प्रोफेसर बीर पाल सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,”धरती सिर्फ एक ग्रह नहीं, हमारी मां है। उसका बचाव हमारा धर्म है। अगर धरती सुरक्षित है, तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित है।” सबसे भावुक क्षण तब आया जब “जय श्री” ने ‘पृथ्वी की व्यथा’ पर आधारित एक भावनात्मक अभिनय प्रस्तुत किया। दर्शकों की आंखें नम हो गईं और तालियों की गड़गड़ाहट देर तक गूंजती रही।कार्यक्रम को सफल बनाने में शालिनी, खालिद, डॉ. पूर्णिमा वशिष्ठ, डॉ. रीता सिंह, शिल्पी शर्मा और शालिनी त्यागी का विशेष योगदान रहा।
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विश्वविद्यालय के कई विभागों के छात्र-छात्राएं इस आयोजन में शामिल हुए। विश्व पृथ्वी दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, एक संकल्प है — धरती को हरा-भरा रखने, प्रदूषण कम करने और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल देने का।अब वक्त है सोच बदलने का। क्योंकि जब धरती मुस्कुराएगी, तभी हम भी मुस्कुराएंगे।