मुजफ्फरनगर। जैन समाज के लोगों ने मुजफ्फरनगर में सपा सांसद हरेंद्र मलिक को आठ मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मुंबई के विले पार्ले में तोड़े गए जैन समाज के मंदिर का विरोध करते हुए मंदिर को सहसम्मान वहीं बनाए जाने की मांग की। इसके साथ ही, बड़ौत में धर्मिक सम्मेलन के दौरान हुई दस लोगों की मौत पर मुआवजा देने की भी मांग की गई।
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सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने जैन समाज को आश्वासन देते हुए बताया कि वे उनकी समस्याओं को लेकर संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो उनकी आवाज को सड़क से लेकर संसद तक उठाएंगे। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को कायरतापूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सरकार ने मारे गए लोगों की संख्या छुपाई, जिससे कुछ परिवारों को नुकसान हुआ।
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सपा सांसद ने बताया कि जैन समाज एक ऐसा समाज है जो सबसे ज्यादा टैक्स देता है, मेहनती और लगनशील है। ये लोग हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं, जो भारतीय संविधान के अनुकूल है। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि मैं अपनी तरफ से सरकार को पत्र लिखूंगा। हम एक बार, दो बार लिखेंगे और अगर हमें कोई जवाब नहीं मिला तो सड़क से लेकर संसद तक उनकी आवाज उठाएंगे।”
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उन्होंने बताया कि “जो आतंकी हमला पहलगाम में हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। सरकार को मारे गए लोगों की संख्या छिपानी नहीं चाहिए, साफ-साफ बतानी चाहिए। इस तरह की राजनीति से कुछ परिवार वंचित रह सकते हैं। जैन समाज के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है, और मैं इसे स्वीकार करता हूं।”
सपा सांसद ने बताया कि जब प्रयागराज में भगदड़ में श्रद्धालु मरे थे, तो उन्हें मुआवजा दिया गया। उसी तरह बागपत के बड़ौत में हुए धार्मिक आयोजन में जिनकी जान गई, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों की जिम्मेदारी के तहत ठेकेदार को जेल भेजा गया, लेकिन एसडीएम की भी जिम्मेदारी थी, और उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए।
जैन समाज के नेता गौरव जैन ने बताया कि आज हमने अपनी आठ मांगों को लेकर एक पत्र सांसद हरेंद्र मलिक को दिया है, जिससे वे हमारी मांगों को संसद में उठाकर हमें न्याय दिलाएंगे। मुंबई के विले पार्ले में जैन समाज के मंदिर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया था। हम चाहते हैं कि मंदिर को सहसम्मान वहीं बनाया जाए।”