संभल- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल के सीओ अनुज चौधरी को झटका दे दिया है। सीओ अनुज चौधरी के ‘होली एक, जुमा 52’ वाले बयान पर उन्हें मिली क्लीन चिट ख़ारिज कर दी गई है और इस मामले में आगे फिर जांच होगी।
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दरअसल, संभल के सीओ अनुज चौधरी ने होली और जुमा को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जुमा हर हफ्ते पड़ता है, जबकि होली साल में एक बार आती है, जो भी रंगों से परहेज करता है, वह अपने घर के अंदर ही रहे। सीओ का यह बयान सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ था कि देश की सियासत गरमा गई थी।
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इस संबंध में आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने 9 अप्रैल को अनुज चौधरी के खिलाफ एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) पोर्टल पर शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सीओ अनुज चौधरी सेवा और वर्दी नियमों का उल्लंघन करते हैं। बिना अधिकार के बयानबाजी करते हैं। अपने कार्यों को सांप्रदायिक रंग देते हैं। इससे माहौल तनावपूर्ण होता है और कुछ वर्गों में असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
अमिताभ ठाकुर के इस बयान की जांच के लिए एएसपी संभल श्रीश चंद्र को जिम्मा दिया गया था। एएसपी ने अपनी जांच में संभल सीओ अनुज चौधरी को क्लीन चिट दे दी थी, एएसपी ने जांच कर बताया था कि संभल में जुमा अलविदा, होली और ईद का त्यौहार शांतिपूर्वक माहौल में संपन्न हुआ तथा अन्य आरोप के संबंध में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य प्रकाश में नहीं आए, जिस आधार पर शिकायत निस्तारित कर दी गई।
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लेकिन शिकायतकर्ता पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने क्लीन चिट दिए जाने पर कड़ा एतराज जता दिया।अमिताभ ठाकुर ने फिर शिकायत दर्ज कराई कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। जांच अधिकारी एसपी कानून व्यवस्था मनोज कुमार अवस्थी और एएसपी उत्तरी श्रीशचंद्र ने अनुज चौधरी समेत अन्य संबंधित पक्षों से पूछताछ की, लेकिन उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
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अमिताभ ठाकुर ने इसे मुख्य सचिव के आदेशों का उल्लंघन बताया था। उन्होंने डीजीपी को भी पत्र लिखकर कहा था कि मुख्य सचिव द्वारा पारित शासनादेशों के अनुसार जनसुनवाई में शिकायतकर्ता के बयान आवश्यक हैं। इस मामले में जहां अनुज चौधरी और अन्य लोगों के बयान लिए गए, वहीं उन्हें अपनी बात और सबूत प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिला जो आपत्तिजनक है।
अब इस शिकायत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शिकायतकर्ता का पक्ष लिए बिना दी गई क्लीन चिट को रद्द कर दिया है और दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने बताया कि अमिताभ ठाकुर को तीन दिन का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने पांच मई तक साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है। जांच में इनके द्वारा दिए गए साक्ष्य भी शामिल किए जाएंगे।