लखनऊ । उत्तर प्रदेश में भवन निर्माण को सरल बनाने और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भवन निर्माण और विकास उपविधि-2025 तैयार कर ली गई है। यह उपविधि 30 मई तक लागू की जा सकती है। इसके लागू होने के बाद प्रदेश में 1000 वर्ग फीट तक के मकान के निर्माण के लिए नक्शा पास करवाना अनिवार्य नहीं होगा, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि भवन निर्माण और विकास उपविधि 2025 के संबंध में सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं। निर्धारित अवधि में 1153 सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज की गईं हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा। जल्द ही उपविधि का संशोधित प्रस्ताव संस्तुति के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा, जिसे 30 मई तक लागू करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस उपविधि के लागू होने से प्रदेश में भवन निर्माण और आवासीय परिसरों में व्यवसाय संचालन के लिए अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही शहरीकरण और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की ओर से प्रस्तावित उपविधि-2025 का मसौदा मुख्यमंत्री के समाने संस्तुति के लिये प्रस्तुत किया था। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के संबंधित अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि उपविधि-2025 के संबंध में जनता, हितधारकों और विशेषज्ञों से सुझाव और आपत्तियां मांगी गईं थीं। निर्धारित अवधि में कुल 1153 सुझावों और आपत्तियां प्राप्त हुई है। विभाग के संबंधित अधिकारी जिनका का अध्ययन कर, उपविधि को और
अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाने की दिशा में कार्यरत हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन सुझावों में भवन निर्माण नियमों में सरलीकरण, पर्यावरण संरक्षण और आवासीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसे बिंदु शामिल हैं। उपयुक्त सुझावों और आपत्तियों को शामिल कर संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को 30 मई तक लागू करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।
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भवन निर्माण और विकास उपविधि-2025 लागू होने से भवन निर्माण और व्यसायिक गतिविधियों के संचालन में प्रदेश की जनता को कई अतिरिक्त सुवाधाएं मिलने वाली हैं। नई उपविधि के अनुसार प्रदेश में 1000 वर्ग फीट तक की जमीन पर मकान बनवाने में नक्शा पास करवाने की जरूरत नहीं होगी। जबकि 5000 वर्गफीट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फुट तक के कमर्शियल प्लॉट पर निर्माण के लिए आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट ही पर्याप्त होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार,
संशोधित ड्राफ्ट में हरित भवन निर्माण, ऊर्जा दक्षता और आपदा प्रतिरोधी संरचनाओं पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अलावा, उपविधि में शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास और स्लम पुनर्वास योजनाओं को भी प्राथमिकता दी गई है।
आवासीय परिसर में व्यवसायिक गतिविधियां चलाने की मिलेगी सुविधा
भवन निर्माण और उपविधि-2025 में आवासीय परिसरों में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है जो एक ओर प्रदेश में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार में भी वृद्धि होगी। नई उपविधि के तहत 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित आवासों में व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति होगी व 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बना सकेंगे।
इसके साथ प्रदेश सरकार भूखंड पर अधिक निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो को भी बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि- 2025 के लागू होने से न केवल शहरी नियोजन को नई दिशा मिलेगी, बल्कि निवेशकों और डेवलपर्स के लिए भी उत्तर प्रदेश एक आकर्षक गंतव्य बनेगा। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस सोच को साकार करता है, जिसमें प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित और किफायती आवास उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
उपविधि-2025 की मुख्य विशेषताएं:
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1000 वर्ग फीट तक मकान निर्माण पर नक्शा पास करवाने की अनिवार्यता नहीं।
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5000 वर्ग फीट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फीट तक के व्यावसायिक निर्माण के लिए आर्किटेक्ट का प्रमाणपत्र पर्याप्त।
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हरित भवन निर्माण, ऊर्जा दक्षता और आपदा प्रतिरोधी निर्माण पर विशेष बल।
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शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास और स्लम पुनर्वास योजनाओं को प्राथमिकता।
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24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित आवासों में व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति।
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45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर मल्टीस्टोरी इमारतों की स्वीकृति।
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फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) में भी वृद्धि की जा रही है।