मुजफ्फरनगर। बिहार में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन के प्रमुख प्रचारक भन्ते विनयाचार्य की गिरफ्तारी ने बौद्ध समुदाय में भारी आक्रोश जगा दिया है। गुरुवार को मुजफ्फरनगर के जिला कलेक्ट्रेट पर बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणियां और अंबेडकरवादी कार्यकर्ता एकत्र हुए और गया पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपा और भन्ते विनयाचार्य की तत्काल रिहाई की मांग की।
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प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में बोधगया टेंपल एक्ट 1949 को रद्द करना और महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपना शामिल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा व्यवस्था में मंदिर पर ब्राह्मणों का नियंत्रण है, जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त है।
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प्रदर्शन में मौजूद भन्ते अनुकीर्ति ने कहा कि, “भन्ते विनयाचार्य को बिहार सरकार ने गिरफ्तार किया है और उनकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही। हमें आज सूचना मिली है कि उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। वह निर्दोष हैं और केवल महाबोधि मंदिर की मुक्ति के लिए आंदोलन चला रहे थे। जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही भन्ते विनयाचार्य को रिहा नहीं किया गया, तो देशव्यापी भारत बंद की रणनीति अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि आज देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर इसी तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं।
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यह मामला केवल एक गिरफ्तारी का नहीं, बल्कि बौद्ध समुदाय के धार्मिक अधिकारों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में हिस्सेदारी का भी है। आने वाले समय में यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक तूल पकड़ सकता है।