मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह के नेतृत्व में सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की शुरुआत की गई। सैकड़ों किसानों और संगठन पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें संगठन ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 22 मई को कलेक्ट्रेट पर किसान मजदूर अधिकार महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
धरने के दौरान पूरन सिंह ने चकबंदी विभाग, बिजली विभाग, पीडब्ल्यूडी, हर घर जल योजना और निजी कंपनियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि चकबंदी विभाग का भ्रष्टाचार नहीं रुका और जिला प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया, तो गांवों में चकबंदी अधिकारियों की ‘नो एंट्री’ रहेगी। यदि कोई अधिकारी गांव में आता है तो उसे तब तक रोका जाएगा जब तक जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करता।
संगठन प्रमुख ने कहा कि यदि किसानों की आवाज नहीं सुनी गई, तो चकबंदी अधिकारियों को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा, और आवश्यकता पड़ने पर बंधक बनाकर तब तक रखा जाएगा जब तक उच्च अधिकारी संज्ञान नहीं लेंगे।
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धरना महापुरुष महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर शुरू किया गया। पूरन सिंह ने कहा कि टिकैत जी ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करना सिखाया और आज की यह लड़ाई उनकी ही प्रेरणा से लड़ी जा रही है।
धरने में बोलते हुए पूरन सिंह ने कहा कि जिले में RDSS योजना, सौभाग्य योजना, हर घर जल योजना सहित कई परियोजनाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने एलएनटी कंपनी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि बिना पारदर्शिता के कंपनी को करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए हैं।
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22 मई को महापंचायत का ऐलान
संगठन ने साफ किया कि यदि तब तक कोई समाधान नहीं हुआ, तो 22 मई को सहारनपुर, शामली और मुज़फ्फरनगर से हज़ारों किसान कलेक्ट्रेट में जुटेंगे और महापंचायत में आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
किया जन समर्थन का आह्वान
पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों से महापंचायत में आने और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की अपील की गई है। धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता।