मेरठ। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर मेडिकल कॉलेज मेरठ में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों का संचालन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में किया गया। इस अभियान का उद्देश्य डेंगू से संबंधित जानकारी को जनसामान्य तक पहुंचाना और रोग की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाना था।
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मेडिसिन विभाग और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में स्वास्थ्य वार्ता का आयोजन किया गया। मेडिसिन ओपीडी में विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह, डॉ. स्नेहलता वर्मा (प्रभारी संचारी रोग) और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार ने मरीजों और आगंतुकों को डेंगू के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जागरूक किया।
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डेंगू के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं बार-बार आने वाला तेज बुखार,उल्टी आना,मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (जिसे “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहा जाता है),कमजोरी और थकावट,प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट बचाव के उपाय सप्ताह में एक बार पानी की टंकी की सफाई,घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने देना,कीटनाशक का छिड़काव,सोते समय मच्छरदानी का उपयोग,शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनना 👉 “जांचें, साफ करें, ढकें – डेंगू को हराएं!” यह थीम सामूहिक प्रयासों और जागरूकता को बढ़ावा देती है।
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डॉ. नीलम एस गौतम की टीम द्वारा सूरजकुंड स्थित शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र में कीटनाशकों के प्रयोग, स्वच्छता और निवारक उपायों पर स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की गई। इन कार्यक्रमों में फैकल्टी, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
प्राचार्य डॉ. आर.सी. गुप्ता ने इस अभियान को जनस्वास्थ्य के लिए एक अनुकरणीय कदम बताते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि सामुदायिक सहभागिता और नियमित जागरूकता ही डेंगू जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने की कुंजी है।