गाजियाबाद। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि विद्युत वितरण एक आवश्यक सेवा है और इसकी सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 20 मई 2025 से शुरू होने वाली विद्युत विभाग के संविदाकर्मियों की प्रस्तावित 72 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल के दृष्टिगत महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में तैयारियों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
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इस बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों, संविदाकर्मी एजेंसियों, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम, आईटीआई, पॉलिटेक्निक विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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जिलाधिकारी दीपक मीणा ने संविदाकर्मी एजेंसियों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे हड़ताल की स्थिति में कार्य संचालन हेतु पूर्व से ही बैकअप प्लान तैयार रखें। प्रत्येक एजेंसी को अपनी वर्कफोर्स की सूची और आपातकालीन कार्यबल की व्यवस्था तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
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उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी संगठनों और विभागीय अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें। ऐसे व्यक्तियों की पहचान करें जो कर्मचारियों को हड़ताल के लिए प्रेरित या उकसा सकते हैं। यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी हड़ताल को बढ़ावा देता पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्युत आपूर्ति केवल घरेलू और व्यावसायिक उपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अस्पतालों, डेटा सेंटर्स और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।
बैठक में जीडीए सचिव राजेश सिंह,मुख्य अभियंता (जोन-1) अशोक कुमार,मुख्य अभियंता (जोन-2) नरेश भारती,मुख्य अभियंता (जोन-3) दीपक अग्रवाल,सभी अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने अंत में सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य योजना तैयार करने और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।