लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (शनिवार) यहां सिग्नेचर बिल्डिंग में राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के चौबीसवें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने पिछले छह वर्ष में उप्र लोक सेवा आयोग में हुए सुधारों की चर्चा की और विपक्ष पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की आजादी में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई आशा जगाई। बाबा विश्वनाथ का पावन धाम वाराणसी है। देश-प्रदेश ने बदलाव देखा है।
इस दौरान विपक्ष भी मुख्यमंत्री के निशाने पर रहा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग समाज को दिग्भ्रमित कर सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर भर्ती प्रक्रिया की अस्मिता को तार-तार करते थे। न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता था। पहले उप्र की भर्तियों में जातिवाद, परिवाद भी दिखता था। योग्य युवाओं के साथ अन्याय होता था। अब ऐसा नहीं है। हमने एक लाख 64 हजार पुलिस में भर्ती की है। भर्ती बोर्ड में शुचिता और पारदर्शिता आई है। ईमानदार अधिकारियों की टीम बनाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र पहले माफिया के कब्जे में था। अब उप्र का प्रशासन जनता के प्रति संवेदनशील है। आज ईद का पर्व है। सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जा रही है। कानून सबके लिए समान और जनता का हित सर्वोपरि है।
सम्मेलन में संघ लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य राजीव नयन चौबे, उप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी के साथ ही देश भर के विभिन्न राज्यों के आयोगों के अध्यक्ष मौजूद हैं।