मुजफ्फरनगर। फर्ज़ी मार्कशीट सप्लाई कर धन बटोरने के आरोपी इमलाख आदि के विरुद्ध दो अलग-अलग मामलों में निचली अदालत द्वारा दोष मुक्त करने के फैसलों को रद्द कर दिया है और शासन की अपील मंजूर कर पुन: सुनवाई के लिए दोनों मामलों को निचली अदालत को रिमांड कर दिया है।
इमलाख के खिलाफ हाल ही में उत्तराखंड में भी मामले दर्ज कराये गए है जिसमे फर्जी डॉक्टरी डिग्री देने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, इमलाख आदि के विरुद्ध फर्ज़ी मार्कशीट तैयार कर उपलब्ध कराकर धन बटोरने की शिकायत पर जिला प्रशासन के निर्देश पर धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत थाना सिविल लाइन में दो मामले दर्ज कराए गए थे। जो तत्कालीन थाना प्रभारी सिविल लाइन एवं डीआईओएस द्वारा दर्ज कराए थे। इनमें फर्ज़ी मार्कशीट मोहर आदि बरामद दिखाई गई थी।
आरोप था कि इम्लाख निवासी शेरपुर, बाबा कोचिंग सेंटर की आड़ में यूपी बोर्ड व देश के अन्य बोर्डों की मार्कशीट तैयार कर लोगों को सप्लाई के बदले धन वसूलने के आरोप थे। दोनों मामलों की सुनवाई एसीजेएम सेकंड मुकीम अहमद की अदालत में चली। अदालत ने दोनों मामलों में आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था।
यह निर्णय गत वर्ष 16 अप्रैल 2022 व 30 अप्रैल 2022 को दिए गए थे। इसके विरुद्ध शासन ने जिला जज़़ की अदालत में अपील दायर की थी। बताया गया था कि निचली अदालत के निर्णय गैर कानूनी है। अभियोजन पक्ष को पूरा अवसर नहीं दिया गया। सबूत का अवसर समाप्त कर सबूत के अभाव में आरोपियों को दो अलग-अलग मामलों में बरी कर दिया गया है।
अपील में दोनों मामलों की सुनवाई एडीजे 3 गोपाल उपाध्याय की अदालत में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों मामलों में अपील मंजूर करते हुए निचली अदालत ए सीजेएम सेकंड मुकीम अहमद के दो फैसलों को रद्द कर दिया और आदेश दिया कि दोनों मामलों को दुबारा सुनवाई के लिए निचली अदालत को रिमांड किया जाता है। दो
नों पक्ष आगामी 10 फरवरी 2023 को निचली अदालत में अपना पक्ष देंगे अदालत दोनों मामलों में दोनों पक्षों को समान अवसर देकर सुनवाई करेगी। अपील सुनवाई में सरकार की ओर से सहायक जि़ला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी , अरुण शर्मा व सतेंद्र कुमार ने ज़ोरदार बहस करके अपना पक्ष रख पैरवी की।