Friday, November 22, 2024

एडीजी नवनीत सिकेरा मुज़फ्फरनगर आये, चौ. जगबीर सिंह हत्याकांड में दी गवाही, नरेश टिकैत है नामजद !

मुजफ्फरनगर -राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड में आज प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक नवनीत सिकेरा अदालत में पेश हुए, अदालत ने 7 फरवरी से मामले की नियमित सुनवाई के निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि 6 सितंबर 2003 में थाना भौराकलां के ग्राम अलावलपुर माजरा में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी ,इस हत्याकांड में गांव के ही प्रवीण और बिट्टू के साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी अभियुक्त बनाए गए थे।

पुलिस और सीबीसीआईडी जांच में नरेश टिकैत को निर्दोष मानते हुए दोषमुक्त कर दिया गया था और अपनी फाइनल रिपोर्ट अदालत में भेज दी थी लेकिन अदालत ने नरेश टिकैत को दोषमुक्त मानने से इनकार करते हुए उनके खिलाफ अभियोग चलाने का आदेश दिया था।

इसी मामले में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक नवनीत सिकेरा आज अपर जिला जज और विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट अशोक कुमार की अदालत में पेश हुए। नवनीत सिकेरा ने 6 सितंबर 2003 को चौ. जगबीर सिंह की हत्या के दिन ही जिले में कार्यभार ग्रहण किया था ,उसी रात्रि में जगबीर सिंह की हत्या हुई थी, इस मामले में उन्हें आज अदालत में  गवाही के लिए बुलाया गया था।

भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत की ओर से इस मामले की पैरवी जिला बार संघ के अध्यक्ष अनिल जिंदल ने की जबकि योगराज सिंह पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ठाकुर दुष्यंत सिंह और एडीजीसी अमित त्यागी ने जिरह की।

टिकैत पक्ष के वकील अनिल जिंदल ने बताया कि नवनीत सिकेरा ने अदालत को बताया कि उनके कार्यभार ग्रहण करने के दिन ही चौधरी जगबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी, वह एक सम्मानित और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, इसलिए उनके पुत्र योगराज सिंह के कहने पर इस मामले की जांच पहले थाना भौरा कला से थाना शामली में प्रभारी निरीक्षक बले सिंह को सौंपी गई थी, जिसके बाद योगराज सिंह के कहने पर ही एसआईएस के प्रभारी निरीक्षक हरि प्रकाश गौतम को दी गई थी।  श्री जिंदल ने बताया कि नवनीत सिकेरा ने अदालत को बताया है कि वे चाहते थे कि जांच निष्पक्ष और वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर हो ,जिससे वादी पक्ष पूर्ण संतुष्ट रहे जिसके चलते यह जांच दो बार बदली गई थी। श्री जिंदल ने यह भी बताया कि अदालत में श्री सिकेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि घटना के दिन पुलिस को एफआईआर देने से पहले एफआईआर में  चौ महेंद्र सिंह टिकैत और फिर राकेश टिकैत का नाम शामिल करने की चर्चा थी लेकिन बाद में जो एफआईआर उन्हें दी गयी थी उसमे नरेश टिकैत का नाम शामिल था जिस पर उन्होंने तत्काल शहर कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दे दिए थे।

दूसरी ओर वादी के अधिवक्ता ठाकुर दुष्यंत सिंह ने भी नवनीत सिकेरा से जिरह की। उन्होंने श्री सिकेरा से यह भी पूछा कि सीबीसीआईडी के जिस जांच अधिकारी ने उनके बयान दर्ज किए थे, क्या उसने कोई नोटिस आदि दिया था ?, श्री सिंह ने श्री सिकेरा से यह भी पूछा कि जांच दो बार किसके कहने पर बदली गई थी और सीबीसीआईडी को जांच किस आधार पर स्थानांतरित की गई थी ?

अदालत ने इस मामले में अब 7 फरवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। आज सुनवाई के समय भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, प्रदेश के पूर्व मंत्री और चौधरी जगबीर सिंह के पुत्र योगराज सिंह व लेखराज सिंह आदि अदालत में उपस्थित थे।

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