Friday, January 10, 2025

शराब घोटाले के नाम पर केजरीवाल को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश : आप

नयी दिल्ली- आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अदालत के फ़ैसले से साफ़ हो गया कि तथाकथित शराब घोटाले जैसी कोई बात नहीं सिर्फ़ दिल्ली के मुख्यमंत्री आरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की गहरी साजिश रची गई थी।

आप के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि छह मई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश आने के बाद पूरी दुनिया के सामने मनगढ़ंत फर्जी शराब घोटाले का सच देश के सामने आ गया है। अब पूरी दुनिया को पता चल गया है कि शराब घोटाले जैसी कोई चीज ही नहीं थी।

शराब घोटाले के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की एक गहरी साजिश रची थी। दिल्ली में कोई शराब घोटाला हुआ ही नहीं है। अदालत का आदेश आने के बाद से भाजपा के लोग चुप हैं। यही भाजपा के लोग हवा में शराब घोटाले और उसकी जांच की बात करते थे।

उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई ने जांच के दौरान कहा कि 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली गई है। कुछ दिन बाद ईडी-सीबीआई ने कहा कि 100 करोड़ में से 70 करोड़ रुपए का उसके पास कोई सबूत ही नहीं है। ईडी ने 30 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की झूठी जानकारी अपनी चार्जशीट में रखी। जांच एजेंसी ने कहा कि वेंडर राजेश जोशी को साउथ के शराब कारोबारियों ने 30 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। साथ ही इस पैसे को गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया गया। प्रधानमंत्री के निर्देश पर पिछले छह महीने से ईडी-सीबीआई गोवा जाकर जांच कर रही थी। कई लोगों से पूछताछ की और उन्हें डराया-धमकाया। ईडी ने सारी जांच के बाद कोर्ट के सामने कहा कि आम आदमी पार्टी ने कुल 19 लाख रुपए ही गोवा चुनाव में कैश में खर्च किए हैं।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि 30 करोड़ रुपए की रिश्वत के संबंध में कोर्ट के मांगने पर ईडी कोई भी सबूत नहीं दे पाई। कोर्ट ने बिना सबूत के गिरफ्तारी पर भी सवाल किए और पूरी जांच को बेबुनियाद और निराधार करार दिया। कोर्ट के इस आदेश के बाद भाजपा को पूरे देश के सामने अरविंद केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई एक ऐसे घोटाले की जांच कर रही है, जिसका सिर-पैर नहीं है। आम आदमी पार्टी पहले दिन से ही कह रही है कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और बेबुनियाद है। इसमें कोई तथ्य और प्रमाण नहीं है। इसके बावजूद भाजपा और प्रधानमंत्री की ओर से ईडी पर झूठा सबूत तैयार के लिए दबाव बनाया गया, ताकि किसी भी तरह ‘‘आप’’ और अरविंद केजरीवाल की छवि खराब की जा सके।

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