कौशांबी । पिपरी पुलिस ने सीता मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने सीता की हत्या के जुर्म के उसके बेटे नीरज व उसकी मंगेतर उसमा को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही शुरू की है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयोग की गई चाकू एवं ईंट बरामद कर ली है। अपने इक़बालिया जुर्म में आरोपियों ने कबूल किया है कि मां उसमा से शादी करने को तैयार नहीं थी। इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया।
पिपरी थाना क्षेत्र के मुरादपुर गाव में 09 मई की सुबह सीता देवी (50) पत्नी स्व सुरेश चन्द्र की लाश मिली थी। पुलिस ने बेटे नीरज कुमार की तहरीर पर सीता हत्याकांड की जांच शुरू की। नीरज ने तहरीर में प्रयागराज के पूरामुफ़्ती मंदर गाव निवासी हरीलाल एवं उसकी बेटी उसमा व अन्य अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
जांच के दौरान पुलिस को मृतक सीता के बेटे नीरज कुमार की भूमिका संदेह के घेरे में लगी। पुलिस ने नीरज से पूंछतांछ शुरू की, जिसमे नीरज ने पुलिस को गुमराह कर सारा आरोप उसमा और उसके पिता हरीलाल पर मढ़ दिया। पुलिस ने उसमा और हरीलाल को थाने लाकर पूंछतांछ शुरू की। फिर उसमा ने नीरज के झूठ की कलई पुलिस के सामने खोल दी। उसने पुलिस को सीता देवी के कत्ल वाली रात का सारा सच फिल्म की स्टोरी की तरह बता दिया, जिसे सुन पुलिस अधिकारी भी सकते मे आ गए।
एएसपी समर बहादुर ने बताया, सीता देवी की हत्या के जुर्म में उसके बेटे नीरज एवं उसमा को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर घटना स्थल से आला कत्ल चाकू एवं ईंट बरामद करा दी है। पुलिस बयान और सबूतो के आधार पर आरोपियों को अदालत के सामने पेश कर जेल भेजने की कार्यवाही कर रही है।
कैसे बना बेटा मां का कातिल
नीरज के मुताबिक, पिता सुरेश की सड़क हादसे में मौत के बाद मां अपने बच्चों की परवरिश कर शादी विवाह किया। अपनी शादी के लिए उसने मां सीता देवी से प्रयागराज पूरामुफ़्ती के मंदर गाव निवासी हरीलाल की बेटी उसमा से रिश्ता करने की बात चलाई। सगाई के दिन उसमा मां सीता देवी के कुछ सवालों का जवाब नहीं दे सकी तो मां ने शादी करने से मना कर दिया। चूंकि नीरज और उसमा ने एक साथ जीवन बिताने का मन बना चुके थे, इसलिए नीरज इस बात से नाराज़ होकर मां से अलग अपनी बड़ी बहन के घर चरवा जाकर रहने लगा। हत्या वाली रात वह उसमा के साथ अपने घर आया और मां सीता को बाहर चारपाई पर सोता देख उसकी हत्या कर दी। इसके बाद नीरज ने उसमा को उसके घर छोड़ दिया और खुद बहन के घर चला गया।
सीता चाहती थी बेटे को योग्य पत्नी मिले
मां की हत्या के जुर्म मे बेटे नीरज और उसकी मंगेतर को गिरफ्तार कर पुलिस दोनों को मीडिया के सामने लेकर आई। इस दौरान उसमा ने बताया कि सीता देवी चाहती थी कि उसकी बहू कम से कम बीए पास हो। इसके अलावा सगाई वाले दिन भी इसी सवाल पर वह नाराज़ हो गई थी और घर जाकर रिश्ता खत्म करने का संदेशा भेज दिया था।