मुजफ्फरनगर – भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख गढ़ों में शामिल मौहल्ला गांधी कॉलोनी में निकाय चुनाव में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान और उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के टकराव ने हालात बिगाड़ दिए हैं। बीजेपी के लिए एक तरफा माना जाने वाला यह इलाका इस बार भाजपा के लिए बड़ा झटका दे गया है, यहां भाजपा के प्रत्याशी को निर्दलीय प्रत्याशी ने हरा दिया है।
जिसके बाद अब गांधी कॉलोनी में टकराव की स्थिति यह है कि दोनों ही पक्ष एक दूसरे के खिलाफ खुलकर मोर्चाबंदी करने लगे हैं और दोनों के पीछे एक-एक मंत्री खुलकर पार्टी बन गया है, जिससे बीजेपी को बड़ा नुकसान हो रहा है।
मुजफ्फरनगर शहर में गांधी कॉलोनी और नई मंडी का इलाका ऐसा माना जाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी जब बाकी क्षेत्रों से हार कर आती थी तो इन क्षेत्रों में हार कवर करके भाजपा जीत जाती थी। उस का सबसे मुख्य कारण यह रहता था कि इन इलाकों में विपक्षी दलों के पास एजेंट तक नहीं होते थे, जिसके चलते भाजपा समर्थक यहां एक पक्षीय फर्जी मतदान भी कर दिया करते थे और भाजपा की जीत को आसान बना दिया करते थे, पिछले लोकसभा चुनाव में भी इस इलाके से लगभग 7800 वोट केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान को मिले थे लेकिन इस बार कुल मतदान ही 3300 वोटों का हो पाया, यानी कि लोकसभा चुनाव से लगभग 4500 वोट कम और यह बीजेपी का सीधा सीधा नुकसान हुआ है।
इसकी असल वजह यह है कि भारतीय जनता पार्टी से यहां प्रेमी छाबड़ा पिछली कई योजनाओं से सभासद चुने जा रहे हैं, प्रेमी छाबड़ा इस बार भी चुनाव लड़ने जा रहे थे और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के विश्वसनीय माने जाते हैं। इस बार निकाय चुनाव में अमित पटपटिया ने भी भाजपा से टिकट का प्रयास किया था और उन्हें केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने टिकट का वायदा भी किया था और अपनी तरफ से पूरे प्रयास भी किए थे। उन्होंने प्रेमी व उनके भाई बंटी छाबड़ा को समझाने की कोशिश भी की लेकिन वे पीछे हटने को तैयार नहीं हुए और कपिल देव के आशीर्वाद से भाजपा प्रत्याशी भी घोषित हो गए।
जिसके बाद संजीव बालियान के आशीर्वाद से अमित पटपटिया भी निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए और संघ व भाजपा संगठन की भी बात सुनने से उन्होंने इनकार कर दिया और वह चुनाव जीत भी गए लेकिन गांधी कॉलोनी में भारतीय जनता पार्टी का यह मजबूत गढ़ ध्वस्त हो गया है। पिछले सभी चुनाव में सभी ने एक तरफ़ा भाजपा को वोट दी थी, लेकिन इस बार दोनों पक्षों के आमने-सामने होने के चलते इस बार मात्र 3300 वोट ही यहां पर पढ़ पाई है।
इस निकाय चुनाव से दोनों गुटों में तनाव इतना बढ़ गया है कि विगत दिवस अमित पटपटिया के साले एम.के.भाटिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दी कि गांधी कॉलोनी में युवाओं का एक नया युग, जहां मैं पैदा हुआ था, छाबड़ा परिवार, जो केवल नकारात्मकता और रुतबे को बढ़ावा देता है , उसने बचपन में मुझे नौकर बना दिया था,कोई उनके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार नहीं था, मेरे जीजा अमित पटपटिया ने छाबड़ा परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ने और जीतने का साहस किया, आप पर गर्व है अमित पटपटिया जी और मनी पटपटिया, भगवान आपको हमेशा आशीर्वाद दें।
इस पोस्ट का असर यह रहा कि अमित पटिया का यह साला जब प्रकाश चौक के आसपास कहीं जा रहा था तो उसकी कार CH01 CE 4590 पर किसी ने हमला करके उसे तोड़ दिया। बताया गया कि कार पूर्व सभासद प्रेमी छाबड़ा के
बेटे ने तोड़ी है ,जिसको लेकर दोनों ही गुट अपने अपने अपने नेताओं के संपर्क में आए, जिसके बाद जहां डॉ संजीव बालियान ने पुलिस को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिसके बाद पुलिस की गाड़ियां लगातार प्रेमी छाबड़ा के घर दबिश देने लगी तो दूसरी तरफ कपिल देव अग्रवाल, प्रेमी छाबड़ा के पक्ष में खुलकर आ गए और लगातार पुलिस पर इस मामले में कुछ ना करने का दबाव बनाने लगे जिसके बाद इसमें कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
अब पंजाबी समाज के कुछ जिम्मेदार लोग इसमें बीच में पड़े है और फैसला कराने का प्रयास करने लगे है,इस मामले में एक-दो दिन में फैसला हो भी जायेगा लेकिन गांधी कॉलोनी में बीजेपी में दरार साफ-साफ आ गई है,जिसका असर लोकसभा चुनाव में दिखाई देगा जो डॉक्टर संजीव बालियान के लिए चिंता का कारण बन सकता है। संजीव बालियान जहां वर्तमान सभासद अमित पटपटिया के पक्ष में मजबूती से खड़े हो गए हैं, वहीं राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल पूर्व सभासद प्रेमी छाबड़ा के साथ खड़े हैं, इन दोनों मंत्रियों के टकराव में बीजेपी को बड़ा नुकसान साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है।