खम्मम (तेलंगाना)। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े वादे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को घोषणा की कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो प्रत्येक विधवा और वरिष्ठ नागरिकों को 4,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
राहुल गांधी ने रविवार शाम यहां आयोजित विशाल जनसभा ‘तेलंगाना जन गर्जना’ में इस वादे का खुलासा किया।
उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी पहले ही वारंगल में किसान घोषणापत्र और हैदराबाद में युवा घोषणापत्र की घोषणा कर चुकी है।
उन्होंने कहा, “आज हम एक और ऐतिहासिक कदम की घोषणा कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों और विधवाओं को हर महीने 4,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे।”
बीआरएस सरकार वर्तमान में आसरा पेंशन योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक और विधवाओं को पेंशन के रूप में 2,016 रुपये प्रति माह प्रदान करती है।
उन्होंने यह भी वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो पोडु की जमीन आदिवासियों को लौटा देगी। उन्होंने कहा कि केसीआर सरकार द्वारा किसानों और दलितों से छीनी गई सभी जमीनें भी उन्हें वापस कर दी जाएंगी।
खम्मम के पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी का कांग्रेस पार्टी में स्वागत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करते हैं। श्रीनिवास रेड्डी को हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि खम्मम कांग्रेस पार्टी का गढ़ है। उन्होंने लोगों से कहा कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस का समर्थन किया है और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा उनके दिल और खून में है।
राहुल गांधी ने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस के दरवाजे उन सभी लोगों के लिए खुले हैं जिन्होंने अतीत में पार्टी छोड़ी थी। “उन सभी लोगों के लिए जो हमारी विचारधारा से सहमत हैं, हमारे दरवाजे खुले हैं। हमारा उन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है जो भाजपा और बीआरएस की विचारधारा का समर्थन करते हैं।”
उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा देश को एकजुट करने की है जबकि दूसरी तरफ नफरत और हिंसा की विचारधारा है। उन्होंने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे देश ने कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन किया और कसम खाई कि वे नफरत और हिंसा को फैलने नहीं देंगे।
चूंकि सार्वजनिक बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क की 1,360 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का समापन भी हुआ, इसलिए राहुल गांधी ने उन्हें सम्मानित किया।
उन्होंने यात्रा करने और लोगों तथा कमजोर वर्गों के मुद्दों को उठाने के लिए भट्टी को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी का शेर बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कठिन समय में और बीआरएस के दमन के बावजूद पार्टी नहीं छोड़ी।