लखनऊ। यूपी पुलिस ने 13 अप्रैल को झांसी में गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और करीबी सहयोगी गुलाम मोहम्मद को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग को उत्तर प्रदेश सरकार ने दो महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
आयोग 27 फरवरी को हुए अरबाज खान और 3 मार्च को हुए विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर की भी जांच कर रहा है। ये दोनों अतीक गिरोह के सदस्य थे और 24 फरवरी को प्रयागराज में वकील उमेश पाल की सनसनीखेज हत्या में शामिल थे।
राज्य सरकार द्वारा 24 अप्रैल को गठित आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज राजीव लोचन मेहरोत्रा हैं, और सेवानिवृत्त आईपीएस व पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता इसके सदस्य हैं।
आयोग को दो महीने में जांच पूरी करने को कहा गया। अब जांच पूरी करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि न्यायिक आयोग मुठभेड़ों के सभी पहलुओं की जांच कर रहा है। इसमें यह भी शामिल होगा कि मृतक सदस्य गिरोह से कैसे जुड़े थे।
आयोग अपनी सिफारिशें भी देगा। वह पहले ही मुठभेड़ स्थलों का दौरा कर चुकी है। एसटीएफ, जिला पुलिस और फॉरेंसिक विज्ञान लैब की इकाइयों को भी आयोग की जांच में सहायता करने के लिए कहा गया था।