रायपुर/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को रायपुर में सुबह एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर को विकास से जोड़ते हुए कहा कि पिछले 9 साल में उनकी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों से सबसे ज्यादा लाभ पिछड़े क्षेत्रों को हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दशकों तक इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहा जिसके चलते विकास में देरी हुई। आज भारत उन क्षेत्रों में अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है जो विकास के क्षेत्र में पिछड़े रह गए।
प्रधानमंत्री ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सामाजिक न्याय से जोड़ते हुए कहा कि सदियों से अन्याय और असुविधा का सामना कर रहे लोगों तक आज भारत सरकार आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर से लोगों को जीवन में आसानी, कारोबार में आसानी, रोजगार के अवसर और तेज विकास मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ तो इकोनामिक कॉरिडोर से जुड़ रहा है। रायपुर धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर और रायपुर विशाखापट्टनम इकोनामिक कॉरिडोर इस पूरे क्षेत्र का भाग्य बदलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक गलियारे आकांक्षी जिलों से होकर गुजर रहे हैं। यह जिले कभी पिछड़े माने जाते थे और यहां हिंसा और अराजकता हावी थी। आज उन्हीं जिलों में भारत सरकार की कमान में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ को 7000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्ष में छत्तीसगढ़ को 20 प्रतिशत से अधिक गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी और अब यह घटकर केवल 6 प्रतिशत रह गई है। इनमें से अधिकतर जनजाति है और नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव हैं। उन्होंने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासियों की बस्तियां आज सड़कों और रेल लाइनों से जुड़ रही हैं। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों, माताओं बहनों को आज अस्पताल पहुंचने में सुविधा हो रही है।
इससे पहले अवसंरचना विकास को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री ने लगभग 6,400 करोड़ रुपये की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री 6-लेन वाले ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के छत्तीसगढ़ खंड के लिए तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने 103 किलोमीटर लंबी रायपुर-खरियार रोड रेल लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे 750 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कोरबा में 130 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 60 हजार मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बॉटलिंग प्लांट को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में संशोधन से छत्तीसगढ़ राज्य को बहुत लाभ हुआ है। इसके परिणामस्वरूप खनिज विकास और रोजगार सृजन को बड़ा बढ़ावा मिला है। उन्होंने पिछली सरकार से अपनी सरकार की तुलना करते हुए कहा कि 2010-2014 की अवधि के दौरान, छत्तीसगढ़ को रॉयल्टी भुगतान के रूप में 1,300 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। जबकि 2015-16 से 2020-21 की अवधि के दौरान यह राशि एमएमडीआर अधिनियम के तहत 2,800 करोड़ रुपये थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7-8 जुलाई के बीच चार राज्यों की यात्रा पर हैं।