नोएडा। कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कांट्रैक्टर द्वारा फर्म बनाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि फर्जी फर्म के आधार पर एक करोड़ से अधिक का टर्नओवर भी कर लिया गया। जीएसटी का नोटिस मिलने के बाद कर्मचारी को फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर दो नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
थाना सेक्टर-63 के प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार ने बताया कि बुलंदशहर के देवेंद्र कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने दो साल पहले सेक्टर-63 डी ब्लॉक स्थित आईटेल में हेल्पर पैकिंग की नौकरी चार महीने तक की थी। बाद में उसने दूसरी जगह नौकरी करनी शुरू कर दी। आइटेल कंपनी के कांट्रैक्टर प्रशांत ने वेतन के सिलसिले में देवेंद्र का आधार और पैन कार्ड मांगा था। इसी दस्तावेज का इस्तेमाल प्रशांत और उसके साथी ने फर्म बनाने में किया।
13 मार्च 2023 को जीएसटी की तरफ से देवेंद्र को एक नोटिस प्राप्त हुआ। इसमें बताया गया कि आपकी कंपनी जेके ट्रेडर्स फर्म का टर्न ओवर 136.60 लाख का है और 24.61 लाख का जीएसटी देय है। इसके बाद देवेंद्र ने पता किया तो जानकारी मिली कि उसके कागजात पर जितेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने कोई कंपनी बनाई है।
अधिक जानकारी करने पर सामने आया कि जितेंद्र के साथ इसमें प्रशांत की भी पूरी भूमिका है। दोनों संबंधित कंपनी में कुछ समय पहले एक ही पद पर काम करते थे। प्रशांत और जितेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कुछ समय पहले नोएडा पुलिस एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया था जो लोगों के पैन और सिम कार्ड का इस्तेमाल कर कागजों पर फर्म बनाता था और जीएसटी रिफंड के नाम पर ठगी करता था। पुलिस यह भी जानकारी एकत्र कर रही है कि दोनों आरोपियों ने कितने लोगों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कितनी फर्म बनाई है।