Sunday, December 22, 2024

नूंह हिंसा में अब तक 139 गिरफ्तार, गृह सचिव बोले- सबसे पहले साइबर पुलिस थाना पर हुआ था हमला

नूंह । जिला में धार्मिक के दौरान हुई हिंसा में आरोपियों की विभिन्न माध्यमों से पहचान करके पुलिस उनकी धरपकड़ कर रही है। इसके लिए बकायदा वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित 8 टीमें लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर रही हैं। इसी के तहत पुलिस ने नूंह जिला के चार गांव सिंघार, मेवली, जलालपुर तथा शिकारपुर में सर्च ऑप्रेशन चलाया गया। इस दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

नूंह जिला में 3 डीएसपी स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है, जो गहनता से मामले की जांच कर रही है। जिला में अब तक इस मामले में 45 एफआईआर, 139 गिरफ्तारी  की गई है। इसके अलावा इस घटनाक्रम में 70 लोग घायल हुए हैं, जबकि 6 लोगों की मृत्यु हुई है। जिला में आमजन की सुविधा के लिए 3 अगस्त को  कर्फ्यू  में भी ढील की गई।

पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने गुरुवार को बताया कि जिला में कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की 34 कंपनियां तैनात की गई हैं। जिला में पुलिस बल द्वारा लगातार फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है और लोगों से अमन व चैन बनाए रखने की अपील की जा रही है। दोनों पक्षों के बीच शान्ति व अमन का माहौल है।

नूंह हिंसा के संदर्भ में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर जिला प्रशासन की टीम द्वारा कड़ी नजर रखी गई है। इस मामले में 3 एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस विभाग द्वारा साइबर सैल तथा सोशल मीडिया विंग की टीम द्वारा 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

एसपी वरुण सिंगला के मुताबिक किसी भी प्रकार के भडक़ाऊ मैसेज आदि अपने अकाउंट से शेयर करने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है। ऐसे 3 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें और बिना तथ्यों की पुष्टि किए उस पर प्रतिक्रिया ना दें। उन्होंने कहा कि लोग ऐसे समय में सूझ-बूझ का परिचय दें।

एसपी ने बृजमंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हुए उपद्रव की निंदा करते हुए कहा कि उपद्रव फैलाने वालो की सीसीटीवी आदि के माध्यम से पहचान की जा रही है। उपद्रवियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में शान्ति व अमन कायम रखने के लिए पुलिस प्रशासन तथा जिला प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं जिनके नंबर-112, 8930900281, 9050317480, 8397087480 हैं।

जिले  में घटनाक्रम में संलिप्त आरोपियों की पहचान के लिए जगह-2 लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है, ताकि हर एंगल से मामले की जांच की जा सके। जिला में एहतियात के तौर पर 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है। आगे की स्थिति का आंकलन करने उपरांत इंटरनेट सेवा को बहाल किया जाएगा।

इसी बीच हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा है कि 27 जुलाई को जिला उपायुक्त ने पीस कमेटी के साथ बैठक करके सीआईडी के इनपुट बता दिए थे। पीस कमेटी ने जिला प्रशासन को आश्वासन दिया था कि किसी भी सूरत में हालात नहीं बिगडऩे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा पिछले तीन साल से चल रही है और इसकी बकायदा मंजूरी ली गई थी। नूंह हिंसा में सबसे पहले साइबर पुलिस थाने पर हमला हुआ था।

गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में प्रसाद ने बताया कि प्रशासन ने इनपुट के आधार पर पहले से ही वहां दस कंपनियों को तैनात किया था। इसके बावजूद हिंसा भडक़ी तो उसे केंद्र की मदद से करीब चार घंटे में नियंत्रित कर लिया गया। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस की अलग-अलग टीमें, फोरेंसिंक की टीमें हिंसा की जांच कर रही हैं।

प्रांरभिक जांच में कई तरह के सुराग मिले हैं। प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने कुछ समय पहले नूंह में एक आप्रेशन चलाकर 150 से अधिक साइबर अपराधियों को पकड़ा था। इसके बावजूद अभी भी कुछ लोग नूंह के गांवों में बैठकर साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की पुलिस तैयारी कर रही थी।

उन्होंने बताया कि पुलिस पिछले समय के दौरान नूंह व आसपास के इलाकों में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होकर अवैध संपत्ति बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 70 संपत्तियों को गिराया गया था। जिस दिन यह हिंसा हुई उस दिन भी सबसे पहले असमाजिक तत्वों ने साइबर पुलिस थाने पर हमला किया गया।

यह जांच की अहम कड़ी है। नूंह हिसा के बाद सोशल मीडिया पर चल रही पलायन की खबरों को खारिज करते हुए गृहसचिव ने कहा कि अभी तक नूंह से किसी तरह का पलायन नहीं हुआ है। पीस कमेटियां, सिविल तथा पुलिस प्रशासन लोगों के साथ बातचीत करके माहौल को शांत कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि इस पूरी हिंसा में अभी तक 78 वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट आई है। इन दावों की जांच की जा रही है। इसके लिए कुछ लोगों ने निर्माण क्षतिग्रस्त होने का भी दावा किया है। इसके लिए भी अलग-अलग टीमों को जांच के लिए तैनात कर दिया गया है।

राजस्थान पुलिस ने नहीं मांगा सहयोग

हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने राजस्थान पुलिस द्वारा नासिर-जुनैद हत्याकांड में सहयोग नहीं करने के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार अथवा राजस्थान पुलिस द्वारा अभी तक उन्हें किसी तरह का पत्र नहीं भेजा गया है। हरियाणा को सूचित किए बगैर अगर राजस्थान पुलिस ने हरियाणा में कोई कार्रवाई की है तो इसकी सूचना हरियाणा के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान पुलिस की तरफ से कोई पत्र हरियाणा पुलिस को मिलेगा तो इस बारे में हर संभव सहयोग किया जाएगा।

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