Monday, November 25, 2024

शिवराज को बड़ा झटका- ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ का इकलौता चेहरा नहीं होंगे सीएम चौहान

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ा झटका देते हुए पार्टी आलाकमान ने तय कर लिया है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा निकाली जाने वाली ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ का इस बार इकलौता चेहरा सीएम शिवराज सिंह चौहान नहीं होंगे।

पार्टी ने मन बना लिया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार अकेले शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा का इकलौता चेहरा नहीं होंगे और न ही पिछली बार की तरह शिवराज इस बार अकेले इस जन आशीर्वाद यात्रा को लीड करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने इस बार एक की बजाय प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से पांच अलग-अलग यात्राएं निकालने की योजना बनाई है। सितंबर के महीने में ये यात्राएं शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री एवं हाल ही में मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाए गए नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से निकलने वाली इन पांचों यात्राओं का चेहरा होंगे। ये नेता आवश्यकता पड़ने पर कभी-कभी दूसरे इलाकों में चल रही यात्रा में भी शामिल होंगे। पार्टी इन पांचों नेताओं के अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और राज्य के दिग्गज नेताओं का भी इस्तेमाल यात्रा के दौरान करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, एक जन आशीर्वाद यात्रा प्रदेश की लभगभ 46 विधान सभा सीटों को कवर करेगा। इस तरह से प्रदेश की सभी 230 विधान सभा सीटों को कवर करने के बाद इन पांचों यात्रा का समापन प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ को भी संबोधित करेंगे, जिसमें बूथ स्तर के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, रविवार को देर रात तक अमित शाह के घर पर हुई बैठक में जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर यह बड़ा फैसला किया गया है। चौहान ने बैठक के दौरान इस यात्रा के कार्यक्रम और नेतृत्व का मसला भी उठाया था, लेकिन पार्टी आलाकमान ने एक तरह से उनके सुझाव को नकारते हुए यह फैसला किया कि भाजपा इस बार राज्य के चुनाव में प्रदेश के किसी एक नेता को चेहरा नहीं बनाएगी, बल्कि पार्टी के कई अन्य दिग्गज नेताओं को भी अलग-अलग इलाकों में इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।

इस फैसले के साथ ही भाजपा आलाकमान ने साफ तौर पर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भाजपा इस बार सामूहिक नेतृत्व में ही मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ेगी।

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