यदि समय रहते मधुमेह पर काबू न पाया जाए तो-देर सवेर फेफड़ों, गुर्दो, दिल, वगैरह को नुकसान पहुंच सकता है। यही नहीं, ब्लड शुगर (रक्त शर्करा) अधिक बढ़ जाने पर दिल का दौरा पड़ सकता है। ऐसा भी होता है कि, मधुमेह के रोगी को पांव में घाव हुआ और वह भर नहीं सका। अन्तत: पांव काटना पड़ गया।
हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया का कहना है कि उच्च रक्तचाप की तरह ही मधुमेह भी धीरे धीरे नुक्सान पहुंचाता चला जाता है अत: रक्त में शर्करा की मात्र की नियमित जांच कराकर इलाज कराते रहना चाहिए। स्वस्थ व्यक्तियों को भी रक्त शर्करा की जांच करानी चाहिए कम से कम तीन साल में एक बार।
मधुमेह का एक बड़ा कारण है आज की जीवन शैली। लोग भारी-भरकम भोजन करते हैं मीठी चीजें खाते हैं, लेकिन किसी तरह का व्यायाम नहीं करते। जहां तक हो सके, मौसम की सब्जियां और फल खाइए। यदि शारीरिक श्रम कम करते हैं तो आपका खान-पान सुपाच्य होना चाहिए। छह से आठ घंटे की नींद लें। नियमित रूप से व्यायाम कीजिए। दो चार किलोमीटर पैदल अवश्य चलना चाहिए।
– अशोक गुप्त