नोएडा। ग्रेनो वेस्ट के गौर सिटी सोसाइटी की रहने वाली एक युवती को साइबर ठगों ने पार्ट टाईम जॉब देने का झांसा देकर 30 लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने युवती को एक टेलीग्राम ग्रुड़ में जोड़कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। इसको लेकर युवती ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है।
पुलिस को दी गई शिकायत में अनुशा ने बताया कि वह गौर सिटी में रहती हैं। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनके पास कुछ दिन पहले तिशा मेहता नाम की एक लड़की का टेलीग्राम पर मैसेज आया था। आरोपी लड़की ने खुद को एक कंपनी की एच आर सहायक होने की बात कही। इसके बाद तिशा ने उनको अपनी कंपनी में फ्री लांसिंग काम करने के लिए ऑफर किया। जिसमें उनको बताया उन्हें टास्क के आधार पर काम मिलेगा। जिस प्रकार से वह टास्क को पूरा करती जाएगीं उनका फायदा बढ़ता ही जाएगा।
इसके बाद उनको एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया। यहां पर कुछ दिन तक युट्यूब चैनल और कंपनियों के पेज को लाइक और शेयर करने का टास्क दिया। इसके उन्होंने जल्द ही पूरा कर दिया। जिसमें उनको काफी रुपये मिले इस प्रकार से उनको कई प्रीमियर टास्क दिए गए।
कुछ दिन बाद जालसाजों ने सीधा ही उनको शेयर मार्केट में निवेश कराने की बात करके उनसे कुल 30 लाख रुपये ठग लिए। जब उन्होंने अपने रुपये उनसे वापस मांगे इस दौरान उनको टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया गया। नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक सुश्री रीता यादव ने बताया कि मामले में युवती की दी गई शिकायत को दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इसके अलावा फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोन दिलाने के नाम पर 350 से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को रविवार को सेक्टर-63 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के बैंक खाते में जमा ठगी की 14 लाख 64 हजार रुपये की रकम को भी पुलिस ने सीज करा दिया है। इनके कब्जे से 12 डेस्कटॉप, 14 कीपैड मोबाइल, छह टच स्क्रीन मोबाइल, तीन कार और 36 डाटा शीट सहित अन्य सामान बरामद हुआ है।
आरोपियों की पहचान ग्रेटर नोएडा निवासी विपिन कुमार, गाजियाबाद निवासी हिमांशु शर्मा, कासगंज निवासी पंकज कुमार, एटा निवासी अवनीश कुमार, अलीगढ़ निवासी पुनीत गौतम और दिल्ली निवासी अभिषेक के रूप में हुई है। विपिन गिरोह का सरगना है। सभी का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।
एडिशनल डीसीपी राजीव दीक्षित ने बताया कि आरोपियों ने सेक्टर-63 में किराये का मकान लेकर फर्जी कॉल सेंटर खोलकर फाइनेंस हब ग्रुप नाम की कंपनी बनाई थी। इसके तहत आरोपी लोगों को कॉल कर कम अवधि में ही लाखों रुपये का लोन दिलाने का झांसा देते थे। फाइल चार्ज, लोन अप्रूवल कमीशन और रजिस्ट्रेशन एग्रीमेंट समेत अन्य प्रकार की फीस का हवाला देकर आरोपी लोगों से 25 से 40 हजार रुपये तक ले लेते थे।
इस दौरान आरोपी फाइनेंस ग्रुप हब नाम से फर्जी अप्रूवल लेटर तैयार कर ग्राहकों को दिखाते थे ताकि उनको विश्वास हो जाए कि लोन के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। बरामद डेस्कटॉप और लैपटॉप का इस्तेमाल ठगी में होता था। किराये के मकान में फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहा था और यहीं पर फर्जी दस्तावेज भी बनाए जाते थे।
बिहार से जेल जा चुका है सरगना:
एसीपी राम कृष्ण तिवारी ने बताया कि गिरोह का सरगना विपिन पूर्व में बिहार से जेल जा चुका है। 2014 में वह इसी तरह के फर्जी कॉल सेंटर में काम कर चुका है। वहां से ठगी का तरीका सीखने के बाद उसने दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शहरों में किराये का मकान लेकर फर्जी कॉल सेंटर खोला और लोन दिलाने के नाम पर व्यापक स्तर पर ठगी करने लगा। ठगी का 90 प्रतिशत हिस्सा सरगना अपने पास रखता था। गिरोह के कई अन्य आरोपी भी पूर्व में फर्जी कॉल सेंटर में काम कर चुके हैं। नोएडा के अलावा विपिन ने गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी पूर्व में फर्जी कॉल सेंटर का आफिस खोला था।
ऐसे करते थे संपर्क:
आरोपी ग्राहकों का डाटा विभिन्न वेबसाइट से हासिल करते थे। इसके अलावा सोशल मीडिया के विविध प्लेटफॉर्म के जरिये भी ग्राहकों से संपर्क किया जाता था। इसके लिए आरोपी विज्ञापन भी देते थे। कई शहरों में शातिरों ने एजेंट भी बनाए थे जो ग्राहकों की तलाश करते थे। हर छह माह में आरोपी ठिकाना बदल देते थे। इस संबंध में बीते दिनों एक व्यक्ति ने संबंधित थाने में मामले की शिकायत की थी। सरगना गिरोह के अन्य सदस्यों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी पर रखा था। कमीशन अलग से होता था।