लखनऊ। पुलिस आयुक्त कार्यालय में महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ के मामले को संज्ञान में लिया गया है। पॉस एक्ट के आधीन बनायी गई समिति इस मामले की जांच करेगी, उनकी रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।
जानकारी मिली है कि बाराबंकी से स्थानांतरण के बाद एक महिला पुलिसकर्मी पोस्टिंग के लिए लखनऊ पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंची थी। आयुक्त कार्यालय के कमरा नंबर-57 में बैठे एक सिपाही ने महिला सिपाही से छेड़खानी कर दी।
आरोप है कि सिपाही ने उसे मनचाही पोस्टिंग का लालच दिया था। उसकी इस हरकत के बाद वो वहां से निकल गई और अगले दिन कार्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी बड़े बाबू को दी। पीड़िता ने बताया कि बड़े बाबू ने मोबाइल में जिस सिपाही की तस्वीर दिखाई वो हेड कॉन्स्टेबल मो. जावेद की निकली। आरोप है कि इस मामले में पीड़िता ने शिकायत की, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
पीड़िता ने बताया, ”मेरी तैनाती बाराबंकी में थी। कुछ दिन पहले ट्रांसफर लखनऊ हुआ था। इसके बाद मुझे पोस्टिंग करवानी थी। इसके लिए पता किया तो पुलिस कमिश्नर ऑफिस के कमरा नंबर-57 से होने की जानकारी मिली। रक्षाबंधन के दिन कमिश्नर ऑफिस पहुंची तो वहां ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे। वहां पर एक हेड कॉन्स्टेबल मौजूद था। उससे पूरी बात बताई, तो उसने कुर्सी पर बैठाया। बातचीत के दौरान वह कुर्सी से उठा और अभद्रता करने लगा।”पीड़िता ने कहा, ”जब मैंने इसका विरोध किया तो वह मनचाही पोस्टिंग दिलाने का लालच देने लगा। कहने लगा कि जहां चाहोगी, वहां पोस्टिंग दिला देंगे…बस बात मान जाओ। इसके बाद मैं वहां से चुपचाप निकल गई। दूसरे दिन शुक्रवार को कमिश्नर ऑफिस पहुंची और मामले की जानकारी बड़े बाबू को दी।”
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि पीड़िता के मामले को संज्ञान में लिया गया है। पास एक्ट के तहत बनायी गई आंतरिक समिति को भेजी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।